अब पाकिस्तान की खैर नहीं, भारत खरीद रहा है ये खतरनाक हथियार, जानिए क्या है खासियत
नई दिल्ली। भारतीय सेना, अमेरिका से 'एक्सकेलीबर गाइडेड लॉन्ग रेंज ऑर्टिलरी एम्यूनेशन' खरीदने की तैयारी कर रही है। इस गोला-बारूद का इस्तेमाल तोपों (आर्टिलरी) में किया जाता है। क्सकैलिबर गाइडेड इस गोले से 50 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से भी लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा जा सकता है। सरकारी सूत्रों ने कहा, 'भारतीय सेना आपातकालीन खरीद प्रक्रिया के तहत अमेरिका से एक्सकैलिबर तोप के गोला-बारूद खरीदने की योजना बना रही है।'
हथियार प्रणालियों और गोला-बारूद खरीदने के लिए मौजूद आपातकालीन अधिकारों के तहत इस खरीद की समीक्षा की जा रही है, जिससे भविष्य में पुलवामा हमले के बाद बनी स्थिति के लिए तैयारी पुख्ता की जा सके। यह गोला-बारूद नियंत्रण रेखा पर तैनात यूनिटों के लिए खरीदा जा रहा है, जहां पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी होती रहती है। यह बम हवा में और बंकर जैसे ढांचे में घुसने के बाद भी धमाका कर सकता है। हाल ही में संपन्न एक बैठक में सेना के अधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अमेरिका से गाइडेड गोला-बारूद खरीदे जाने की जानकारी दी।
इसके साथ ही सेना ने अमेरिका निर्मित एम-777 अत्यंत हल्की होवित्जर तोप भी अपने बेड़े शामिल करना शुरू कर दिया है, जिससे एक्सकैलिबर गोलों को दागा जा सकता है। सेना टैंक-रोधी गाइडेड मिसाइल स्पाइक खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुकी है। आपको बता दें कि इस गोले को अफगानिस्तान में युद्ध के समय तोप से दागे जाने वाले गोले के निशाने को बेहद सटीक बनाने के लिए अमेरिका ने विकसित किया था। अमेरिकी सैनिक पिछले दो दशक से अफगानिस्तान में लड़ रहे हैं। हाल ही में भारतीय वायुसेना ने इजरायल से स्पाइस 2000 और अन्य बम व मिसाइलों को खरीदने का सौदा किया है। एयर स्ट्राइक में प्रयोग किया स्पाइस 2000 बम को इजराइल ने ही विकसित किया है।