रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले-सेना हर चुनौती का सफलतापूर्वक कर रही सामना, चीन का नाम लेने से परहेज
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सेना सफलतापूर्वक उन कई चुनौतियों का सामना कर रही है जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े हैं। राजनाथ ने यह बात बुधवार को आर्मी कमांडर्स की चार दिनों तक चलने वाली कॉन्फ्रेंस के दौरान कही है। 26 अक्टूबर सोमवार से राजधानी दिल्ली में आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई है। चार दिनों तक चलने वाली इस कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन सेना मुख्यालय पर हो रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे के अलावा कई सीनियर ऑफिसर्स शामिल हो रहे हैं।
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सरकार सेना की हर मदद के लिए तैयार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कॉन्फ्रेंस के दौरान चीन का नाम नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि चाहे चुनौती आतंकवाद से हो या फिर किसी बाहरी हमले से जुड़ी हो, सेना इन खतरों को खत्म करने में लगी हुई है। उसके रोल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय इस बात को लेकर प्रतिबद्ध है कि चाहे सड़क हो या फिर कोई सुधार की प्रक्रिया हो, सेना के ही मूवमेंट को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मुहैया कराई जाएगी। सेना को हर इलाके में लाभ हासिल करने में मदद दी जाएगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना और हमारी सेनाओं को मजबूत बनाने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
अंडमान के भी कमांडर-इन-चीफ शामिल
सोमवार को पहले दिन कॉन्फ्रेंस के दौरान मानव संसाधन प्रबंधन से जुड़े मसलों पर चर्चा हुई। इस मौके पर सीडीएस जनरल रावत के साथ तीनों सेनाओं के मुखिया भी शामिल हुए थे। दूसरे दिन यानी मंगलवार को टॉप आर्मी कमांडर्स भारत की युद्ध से जुड़ी तैयारियों पर एक विस्तृत ब्यौरा पेश किया है। इस ब्यौरे में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के क्षेत्र सभी संवदेनशील इलाकों की जानकारी शामिलथी। सेना की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि तीसरे दिन कई एजेंडे पर विस्तार से वार्ता होगी जिसमें पहली बार अंडमान निकोबार के कमांडर-इन-चीफ (CINCAN) भी शामिल हो रहे हैं। आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन साल में दो बार होता है। सोमवार को हो रही है कॉन्फ्रेंस में सेना के सभी 7 कमांड्स के चीफ शामिल हो रहे हैं।