29 राज्य, 12000 किमी, 20600 शहीद, एक साइकिल और श्रद्धांजलि
आजादी के बाद शहीद हुए 20,600 सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए 12,000 किमी की साइकिल यात्रा पर निकले रिटायर्ड मेजर जनरल सोमनाथ झा।
अंबाला। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना में ऑफिसर रहे जॉर्ज एस पैटन जूनियर ने कहा था, 'एक सैनिक सेना होता है। कोई भी सेना, सैनिकों से ज्यादा बेहतर नहीं हो सकती है। एक सैनिक एक नागरिक भी होता है।'
पैटन की ये बातें बिल्कुल सच हैं। आज हमारे देश के नागरिक इन असाधारण 'नागरिकों' के योगदान को भूलते जा रहे हैं। लेकिन एक सैनिक ऐसा है जिसने तय कर लिया है कि वह अपने साथी 'नागरिकों' की शहादत को सम्मान के साथ श्रद्धांजलि देगा।
इंडियन आर्मी से रिटायर हुए मेजर जनरल सोमनाथ झा बुधवार को एक ऐसे सफर पर निकले हैं जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। मेजर जनरल झा 30 सितंबर को रिटायर हुए हैं। इस यात्रा का मकसद देश की आजादी के बाद शहीद हुए 20,600 शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देना है।
हरियाणा के अंबाला से उनकी यह यात्रा शुरू हुई है तो दिल्ली की अमर जवान ज्योति पर यह खत्म होगी। वनइंडिया के साथ एक खास बातचीत में उन्होंने अपने इस सफर और इसके मकसद के बारे में बात कीं।
रिटायरमेंट ऐसा जो कभी नहीं देखा
लोग अपने रिटायरमेंट को अलग-अलग तरीके से प्लान करते हैं लेकिन मेजर जनरल (रिटायर) झा ने अपने रिटायरमेंट को एक अलग तरह से सेलिब्रेट करने के बारे में सोचा। जब हमने इसकी वजह जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि वह 37 वर्षों तक एक सैनिक की तरह रहें हैं। उन्होंने कई लड़ाईयां देखीं और अपने कई साथियों जिन्हें वह जानते थे और जिन्हें वह नहीं जानते। ये सभी सैनिक देश के सम्मान, इसकी एकता और देश की आजादी को बनाए रखने में शहीद हुए। वह कहते हैं कि अपने इस सफर के जरिए वह बस अपने उन तमात साथियों को एक श्रद्धांजलि देना चाहते हैं।
रिटायरमेंट से पहले ही कर ली थी प्लानिंग
मेजर जनरल (रिटायर) झा ने हमें बताया कि रिटायरमेंट से करीब तीन-चार माह पहले ही उन्होंने अपनी इस यात्रा के बारे में सोच लिया था। वह इंफ्रेंटी के सैनिक रहे हैं और वह कहते हैं कि उन्हें अपने सभी साथियों पर गर्व है और वह कभी भी उनके योगदान को भूला नहीं पाएंगे। वह मानते हैं कि एक सैनिक के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
देश के हर राज्य में जाएंगे मेजर जनरल
मेजर जनरल (रिटायर) झा ने जानकरी दी कि उन्होंने अंबाला से अपनी इस यात्रा की शुरुआत इसलिए की है क्योंकि वह अपनी सर्विस के आखिरी दिनों में यहीं पर तैनात थे। 19 अक्टूबर से शुरू होकर उनकी यात्रा अप्रैल 2017 में खत्म होगी। इन सात माह के अंदर वह देश के 29 राज्यों में जाएंगे और 12,000 किमी का सफर तय करेंगे। यानी हर दो मिनट में वह एक शहीद को श्रद्धांजलि देंगे।
58 वर्ष की उम्र में 12,000 किमी का सफर
58 वर्ष की उम्र में वह 12,000 किमी तक साइक्लिंग करेंगे अगर आप इस बात को सुनकर हैंरान हो रहे हैं तो हम आपको बता दें कि उन्होंने 56 वर्ष की उम्र पैराग्लाइडिंग में अपने हाथ आजमाए थे। हमने उनसे पूछा कि वह इस उम्र में खुद को हर तरह के एडवेंचर के लिए फिट कैसे रखते हैं तो उनका जवाब था कि उम्र सिर्फ दिमागी ख्याल है। आप अगर मानसिक तौर पर स्वस्थ हैं तो फिर आप किसी भी उम्र में फिट रह सकते हैं। वह एक रूटीन को फॉलो करते हैं और हमेशा सकारात्मक सोच के साथ खुश रहने की कोशिश करते हैं।
पत्नी का पूरा साथ
इस सफर पर मेजर जनरल (रिटायर) झा अकेले नहीं हैं बल्कि उनकी पत्नी चित्रा झा भी पूरे सफर पर उनके साथ मौजूद रहेंगी। मेजर जनरल झा के मुताबिक वह यह सब किसी पब्लिसिटी या फिर किसी जागरुक अभियान के तहत नहीं कर रहे हैं। लेकिन अगर उनके इस मिशन से किसी आम आदमी को प्रेरणा मिलती है या फिर उसके दिल में सैनिकों के लिए सम्मान जागता है तो फिर उन्हें वाकई खुशी होगी।
कहां से आगाज और कहां होगी खत्म
मेजर जनरल झा ने अंबाला से अपने इस सफर की शुरुआत की है। वह सात माह के अंदर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, और असम जैसे राज्यों में जाएंगे। उनकी यात्रा दिल्ली स्थित अमर जवान ज्योति पर खत्म होगी।