तेजी से वीआरएस ले रहे हैं देश के सैनिक, सेना की स्थिति खराब तो IAF और नेवी में थोड़ी बेहतर
नई दिल्ली। पहले से ही ऑफिसर्स और जवानों की गिरती संख्या का सामना कर रही सेना के लिए वॉलेंटियरी रिटायरमेंट (वीआरएस) ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक सेनाओं में अब वीआरएस के लिए आने वाली एप्लीकेशंस में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसके अलावा पहले से खाली पड़ी पोस्ट्स सरकार का सिरदर्द बढ़ा रही हैं। बिजनेस इंसाइडर की तरफ से यह जानकारी दी गई है। आईएएफ और नेवी की तुलना में साल 2018 में सेना में वीआरएस के 30 नए केस दर्ज किए गए।
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412 आफिसर्स ने लिया वीआरएस
पीआईबी की ओर से जारी प्रेस रिलीज पर अगर यकीन करें तो सेना में वीआरएस लेने वाले सैनिकों की संख्या, इंडियन एयरफोर्स (आईएफ) और इंडियन नेवी की तुलना में ज्यादा है। सेना में साल 2018 में 412 ऑफिसर्स ने वीआरएस लिया है। साल 2016 में यह आंकड़ा 353 तो साल 2017 में 382 था। वीआरएस के मामले में आईएएफ, वीआरएस के मामले में नंबर दो पर है।
एयरफोर्स और नेवी में हालात बेहतर
आईएएफ में साल 2016 में 186 और 2017 में 205 ऑफिसर्स ने रिटायरमेंट लिया। साल 2018 में इस संख्या में कमी आई और 184 ऑफिसर्स ने वीआरएस लिया। बात अगर इंडियन नेवी की करें तो यहां स्थिति थोड़ी बेहतर नजर आती है। इंडियन नेवी में साल 2018 में 102 ऑफिसर्स ने रिटायरमेंट लिया था। साल 2016 में वीआरएस के 138 केस और 2017 में 137 केस, नेवी में देखे गए थे।
सेना में पहले ही 49,000 पद खाली
सेना के लिए वीआरएस ने मुश्किलें पैदा कर दी हैं। सेना पहले ही सैनिकों की कम संख्या से जूझ रही है। इंडियन आर्मी में इस समय 49,000 पद खाली पड़े हैं जिसमें से 7,399 ऑफिसर्स के हैं। पिछले दिनों रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नायक की ओर से कहा गया था कि सरकार ने कई उपायों को अपनाया है ताकि ऑफिसर्स और जवानों की कमी को दूर किया जा सके।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों की ओर से इस पर चिंता जताई जा चुका है। उनका मानना है कि प्राइवेट कंपनियों की ओर से कई तरह की आकर्षक स्कीम सैनिकों के लिए शुरू की गई है। इसलिए भी वह वीआरएस लेने से नहीं हिचकिचाते हैं। दूसरी ओर सर्विंग ऑफिसर्स और जवान की मानें तो वह वर्तमान स्थिति से खुश नहीं हैं।