सीएम ममता बनर्जी के आरोपों को सेना ने कहा बकवास
इंडियन आर्मी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तख्तापलट के आरोपों को बताया बकवास। कहा सिर्फ रुटीन एक्सरसाइज के तहत ही टोल प्लाजा पर मौजूद थे सेना के ट्रक।
कोलकाता। इंडियन आर्मी की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उन आरोपों को बकवास करार दिया गया है जिसमें उन्होंने सेना पर तख्तापलट करने की कोशिशों का आरोप लगाया था। ईस्टर्न कमांड की ओर से ट्विटर के अलावा एक प्रेस कांफ्रेंस करके इस बाबत एक बयान जारी किया गया है।
सेना की रुटीन एक्सरसाइज
इंडियन आर्मी के इस्टर्न कमांड की ओर से कहा गया है कि आर्मी पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से रुटीन एक्सरसाइज कर रही है।
ईस्टर्न कमांड के ऑफिसर मेजर जनरल सुनील यादव ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेना टोल नाका पर कब्जा करने वाली है ऐसी खबरें बिल्कुल गलत हैं।
Routine exercise in all NE states. In Assam @ 18 places, Arunanchal@13, WB@19, Manipur@6, Nagaland@5, Meghalaya@5, Tripura & Mizoram@1@adgpi
— EasternCommand_IA (@easterncomd) December 1, 2016
असम से लेकर त्रिपुरा तक
सेना की ओर से कहा गया है नॉर्थ ईस्ट में कई जगहों पर एक्सरसाइज चल रही है। इनमें असम के 18, अरुणाचल प्रदेश के 13, पश्चिम बंगाल के 19, मणिपुर के छह, नागालैंड और मेघालय के पांच-पांच, त्रिपुरा और मिजोरम के एक एक
जिले शामिल हैं। मेजर जनरल सुनील यादव ने कहा कि यह बातें कि सेना टोल नाकों पर लोगों से पैसे इकट्ठा कर रही है पूरी तरह से निराधार हैं।
Army conducting routine exercise with full knowledge & coord with WB Police. Speculation of army taking over toll plaza incorrect @adgpi
— EasternCommand_IA (@easterncomd) December 1, 2016
डाटा कलेक्शन कर रही थी आर्मी
मेजर सुनील यादव ने बताया कि ईस्टर्न कमांड की ओर से हर वर्ष होने वाले डाटा क्लेक्शन एक्सरसाइज चल रही थी। स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर हर राज्य के एंट्री प्वाइंट पर लोड कैरियर्स की उपलब्धता के बारे में पता लगाया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में इस तरह के करीब 80 डाटा प्वाइंट्स को बनाया गया है। हर प्वाइंट पर बिना हथियार के पांच से छह जवाान मौजूद हैं।
ये जवान सिर्फ भारी वाहनों का डाटा इकट्ठा कर रहे थे। मेजर जनरल सुनील यादव ने बताया कि यूपी और बिहार में 26 सितंबर से एक अक्टूबर तक इसी तरह की एक्सरसाइज हुई है।
रक्षा मंत्री ने भी दिया बयान
वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने भी इस मामले को काफी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने लोकसभा में जानकारी दी कि आर्मी की एक रुटीन एक्सरसाइज को भी एक विवाद का विषय बना दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पहले यह एक्सरसाइज 28,29 और 30 दिसंबर को होनी थी लेकिन बाद में तारीखें बदलकर एक और दो दिसंबर की गईं।
पार्रिकर के मुताबिक इस तरह की एक्सरसाइज पिछले वर्ष भी 19 से 21 नवंबर तक हुई थी। पिछले कई वर्षों से ऐसी एक्सरसाइज हो रही हैं।