भारी बर्फबारी की वजह से नाथूला में चीन बॉर्डर पर फंसे 2500 पर्यटकों की जान सेना ने बचाई
गंगटोक। सिक्किम की राजधानी गंगटोक और पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 10 वर्ष बाद बर्फबारी रिकॉर्ड हुई है। इस बर्फबारी में भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित नाथूला में करीब 2500 पर्यटक फंस गए थे। सेना ने इन सभी पर्यटकों की जान बचाई है। शुक्रवार को गंगटोक के ऊपरी हिस्सो में भारी बर्फबारी दर्ज की गई थी। जिन पर्यटकों की जान बचाई गई है उनमें से कुछ भारतीय तो कुछ विदेशी भी हैं। बर्फबारी की वजह से दार्जिलिंग का तापमान -2 डिग्री से -4 डिग्री के बीच आ गया है।
10 वर्ष बाद दार्जिलिंग और गंगटोक में बर्फबारी
एक दिन पहले ही दार्जिलिंग में धूप खिली हुई थी लेकिन अचानक से मौसम बदल गया। शुक्रवार दोपहर यहां पर बर्फीले तूफान ने हर किसी को हैरान कर दिया। दार्जिलिंग के सिंगामारी, घूम, जोरबंगलो और सुखपोखरी में शुक्रवार को शाम करीब 4:30 बजे बर्फ गिरनी शुरू हुई। दार्जिलिंग में 14 फरवरी 2008 को आखिरी बार बर्फबारी हुई थी। वहीं सिक्किम के ऊपरी हिस्सों जैसे गंगटोक, नाथूला, शांगू लेक और रावांग्ला में भी भारी बर्फबारी हुई। इस बर्फबारी की वजह से सड़कें बर्फ से पट गई और पर्यटक नाथूला में ही फंस गए। ईस्ट सिक्किम के डीएम कपिल मीणा ने इस बारे में और ज्यादा जानकारी दी। उन्होंने बताया, 'आधे पर्यटकों को गंगटोक से पुलिस, सेना और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की मदद से बचाया गया है। वहीं आधे पर्यटकों को नाथूला और आसपास स्थित आर्मी बेस पर लाया गया है।' मीणा ने बताया कि रवांग्ला में 15 वर्षों बाद बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है।
#Relief #RescueOperation.#IndianArmy rescued more than 2500 civilians stuck in more than 400 vehicles around Nathula, Sikkim due to heavy snowfall. All were provided food, shelter & medical care last night. #AlwaysWithYou pic.twitter.com/FoaXnGNXQV
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) December 29, 2018