जम्मू कश्मीर: श्रीनगर एनकाउंटर में ढेर हिजबुल का कमांडर था टॉप अलगाववादी नेता का बेटा, आतंकी संगठन को तीसरा बड़ा झटका
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में मंगलवार को एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक और टॉप कमांडर को ढेर कर दिया। 29 साल का जुनैद सेहराई पिछले कुछ समय से घाटी में सक्रिय था। उसकी तलाश सेना पिछले कुछ माह से कर रही थी। इसके साथ ही एक और बात है जो सेहराई के बारे में काफी दिलचस्प है। पिछले एक दशक के अंदर सेहराई वह अकेला शख्स था जो हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की टॉप लीडरशिप से ताल्लुक रखता था। सेहराई के अलावा एक और हिजबुल आतंकी तारिक शेख को 12 घंटे तक चले एनकाउंटर में ढेर किया गया है।
अलगाववादी नेता का बेटा जुनैद
जुनैद सेहराई तहरीक-हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन अशरफ सेहराई का बेटा था। जुनैद अपने छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था। सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की तरफ से श्रीनगर के नवाकदाल इलाके में एनकाउंटर को अंजाम दिया गया था। सेहराई का ढेर होना हिजबुला के लिए बड़ा झटका है। दो हफ्ते पहले हिजबुल के जम्मू कश्मीर चीफ रियाज नाइकू को भी ढेर किया गया था। इसके अलावा सोमवार को ही डोडा में हिजबुल का एक और टॉप कमांडर ताहिर भट भी मारा गया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के सीनियर ऑफिसर ने सेहराई की मौत को हिजबुल के लिए बड़ा झटका करार दिया है।
साल 2018 में बना हिजबुल का हिस्सा
जुनैद सेहराई साल 2018 में हिजबुल से जुड़ा था। उसके आतंकी संगठन से कुछ ही दिन पहले उसके पिता को को तहरीक-ए-हुर्रियत में बड़ा पद दिया गया था। जुनैद ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली थी। आतंकी संगठन के साथ जुड़ने से पहले वह श्रीनगर में एक प्राइवेट कंपनी के साथ काम कर रहा था। जुनैद का परिवार कुपवाड़ा का रहने वाला है मगर करीब 20 साल से श्रीनगर के बाघट इलाके में रह रहा है। सीनियर ऑफिसर्स की मानें तो जुनैद उस समय आतंकी संगठन से जुड़ा था जब इसका एक और कमांडर जाकिर मूसा हिजबुल में बदलाव की कोशिशें कर रहा था।
साल 2010 में आया पत्थरबाजी में नाम
साल 2010 में जब घाटी में बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी हुई तो उस श्रीनगर की एक ऐसी ही घटना में जुनैद पर एफआईआर दर्ज हुई। 10 साल बाद मंगलवार को जुनैद का अंत हो गया। वह कई आतंकी साजिशों का हिस्सा भी रहा। मार्च 2018 में जुनैद अचानक से अपने घर से लापता हो गया था, जिसके अगले ही दिन अशरफ सेहराई ने पुलिस के पास उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कुछ वक्त बाद ही जुनैद की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई, जिसमें वह एके-47 राइफल के साथ दिखाई दिया।
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घाटी में अब तक ढेर 70 आतंकी
जाकिर मूसा अल-कायदा से प्रभावित था और उसने हिजबुल के कुछ आतंकियों को लेकर उसने अंसार-उल-गजवात-उल हिंद की शुरुआत की। सेहराई इसलिए हिजबुल से जुड़ा था ताकि वह इसके कमांडर्स खासतौर पर रियाज नाइकू की मदद कर सके। सेहराई के मारे जाने के बाद श्रीनगर में सुरक्षाबलों पर पथराव किया गया। मंगलवार को पूरे दिन श्रीनगर में इंटरनेट और मोबाइल सर्विसेज बंद रहीं। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष अब तक घाटी में 70 आतंकी मारे गए हैं और 22 आतंकी हिजबुल के थे। इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी भी ढेर हुए हैं।