इंडियन आर्मी अपने ट्रेनिंग हेडक्वार्टर को शिमला से मेरठ करेगी शिफ्ट
नई दिल्ली। धन बचाने और सेना मुख्यालय के साथ बेहतर संपर्क सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना प्रशिक्षण कमान मुख्यालय (आरट्रैक)को अब हिमाचल प्रदेश के शिमला से यूपी के मेरठ में स्थानांतरित करने की योजना बना रही है। सेना के वरिष्ठ सूत्रों ने कहा कि, ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि, मुख्यालय से पहाड़ी लोकेशन तक यात्रा करने में होने वाले खर्च और समय की बचत की जा सके। यह कदम सेना द्वारा कई स्तरों पर किए जा रहे पुनर्गठन का हिस्सा है।
सेना के सूत्रों ने कहा कि मुख्यालय को बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ शिमला से बाहर ले जाने की जरूरत है, क्योंकि पुनर्गठन के बाद कमांड की भूमिका का विस्तार होगा। सूत्रों का कहना है कि, प्रशिक्षण कमान मुख्यालय की स्थापना के लिए मेरठ बेहतर होगा, क्योंकि यह एक एक्सप्रेस हाईवे से जुड़ रहा है और यहां एक तीव्र रेल कॉरिडोर को भी स्थापित किया जा रहा है। साथ ही सैन्य प्रशिक्षण महानिदेशालय का भी एआरटीएसी के साथ विलय कर दिया जाएगा। सैन्य प्रशिक्षण महानिदेशालय इस वक़्त दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में है।
सेना का पुनर्गठन करने की कवायद सेना के सर्वोच्च जनरलों के नेतृत्व में चार व्यापक अध्ययनों पर आधारित है। भविष्य के युद्धों के लिए 1.3 मिलियन-मजबूत सुरक्षा बलों को लड़ने वाली मशीन में बदलने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसे मंजूरी मिल चुकी है। छह माह के भीतर स्थानांतरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
आरट्रैक का गठन एक अक्टूबर 1991 को किया गया था। उस समय इसकी स्थापना मध्यप्रदेश के महू में की गई थी। 31 मार्च 1993 को इसे शिमला शिफ्ट कर दिया, तबसे वर्तमान तक आरट्रैक शिमला में ही कार्य कर रहा है। इसका मुख्य कार्य जवानों की ट्रेनिंग को अधिक प्रभावशाली बनाना और सेना प्रशिक्षण और युद्ध से जुड़ी विभिन्न नीतियां बनाना है। आरट्रैक की स्थापना से पहले इस ऐतिहासिक भवन में 1864 से 1939 तक भारतीय सेना का मुख्यालय रहा। प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सभी ऑपरेशनों की योजना और संचालन यहीं से हुआ।
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