LAC पर चीन से लंबे टकराव के लिए सेना ने कसी कमर, सियाचिन जैसे मौसम से ऐसे निबटेगी
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पिछले दो हफ्तों में घटनाक्रम तेजी से बदले हैं। चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिण में भी मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि टकराव के फिलहाल जल्द खत्म होने की कोई उम्मीदें नहीं हैं। भारतीय सेना भी खुद को दुश्मन के साथ लंबे टकराव के लिए तैयार कर लिया है। लद्दाख में अगले डेढ़ माह के अंदर मौसम बदल जाएगा। सरकार के सूत्रों की मानें तो सेना चीन को जवाब देने के लिए खुद को अब सियाचिन जैसे हालातों के लिए तैयार कर चुकी है।
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-50 डिग्री तक होगा तापमान
जब सर्दियां शुरू होंगी तो तापमान -50 डिग्री तक चला जाता है और हवा भी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक दुनियाभर के सप्लायर्स से सेना ने संपर्क किया है और अत्यधिक सर्दी में जरूरी उपकरणों की खरीद की तैयारी शुरू कर दी है। सेना के जवानों को अब उसी प्रकार के सुरक्षा उपकरण मिलने वाले हैं जो सियाचिन में तैनात ट्रूप्स के पास हैं। सेना के लिए सर्दी के मौसम के लिए उपकरणों में थर्मल वियर से लेकर चश्मे तक शामिल होते हैं। टॉप सरकारी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि सेना की तरफ से अमेरिका, रूस और यूरोप में दूतावासों पर तैनात डिफेंस अटैशे से कहा है कि वो गर्मी कपड़ों और स्नो टेंट बनाने वालों की पहचान करें ताकि अगर इमरजेंसी की स्थिति हो तो उन्हें खरीदा जा सके। सन् 1984 में सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के बाद सेना को उसकी जरूरतों के मुताबिक स्थानीय उत्पादकों की तरफ से तैयार इग्लूस, स्नो गॉगल्स, बूट्स और ग्लव्स के साथ बाकी जरूरी उपकरण दिए गए थे। सेना ने लद्दाख सेक्टर में चीनी जवानों की संख्या के बराबर जवान तैनात कर दिए हैं।
कई अहम चोटियों पर होगा टकराव
विशेषज्ञों की तरफ से कहा गया है कि एलएसी पर अब इस बात का अंदेशा बहुत बढ़ गया है कि भारत और चीन के बीच टकराव लंबी खींच सकता है। भारतीय सेना ने पैंगोंग के दक्षिणी हिस्से में ब्लैक टॉप पर कब्जा कर लिया है। 4,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस चोटी की रणनीतिक अहमियत है। इस पर कब्जे के बाद से सेना स्पांग्गुर गैप के करीब पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की गतिविधियों पर नजर रख सकती है। ब्लैक टॉप, पीएलए के कब्जे वाले ग्रीन टॉप के ठीक सामने है। ग्रीन टॉप, फिंगर 4 का एक अहम स्थान है। यहां से कई ऐसी चोटियां शुरू होती हैं जो पैंगोंग के उत्तर-पूर्व से शुरू होती हैं। पीएलए के जवान ग्रीन टॉप पर हैं और यहां से वह फिंगर 3 पर भारतीय सेना की मुख्य फॉरवर्ड पोस्ट पर नजर रख रहे हैं। साथ ही पैंगोंग के दक्षिण में स्थित कुछ पोस्ट्स पर भी उनकी नजरें हैं। मिलिट्री कमांडर्स का कहना है कि उन्हें उन लोकेशंस पर मुस्तैद रहना होगा जहां पर अगले वर्ष पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के आक्रामक होने की आशंका है। सेना सूत्रों के मुताबिक पीएलए की आक्रामकता के बाद अब चीन का भरोसा नहीं है।