पूर्वी लद्दाख से सटे चीनी सरहद पर भारतीय सेना ने किया कड़ा युद्धाभ्यास
बेंगलुरू। भारतीय सेना चीन से सटे पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में आधुनिक और हाईटेक युद्धक हथियारों के साथ कड़ा अभ्यास किया है। युद्धाभ्यास में शामिल हथियारों में आर्टिलरी, युद्धक टैंक्स और हेलीकॉप्टर हैं। भारतीय सेना द्वारा पूर्वी लद्दाख से सटे सरहदों पर किया गया युद्धाभ्यास पड़ोसी देश चीन के खिलाफ शक्ति परीक्षण और युद्ध की स्थिति में सरहद पर भारतीय हमले की क्षमता में सुधार के मकसद से किया गया है। भारतीय सेना द्वारा किए गए युद्धाभ्यास को चांग-थांग नाम दिया है, जिसे हाई एल्टीट्यूड एरिया में संपन्न किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के चीन से सटे सरहद पर भारतीय सेना द्वारा किए गए युद्धाभ्यास में सैनिकों ने इनफैंट्री, मैकेनाइज्ड फोर्स, टी-72 टैंक्स के साथ फोर्स मल्टीप्लायर्स का उपयोग किया, जिसमें आर्टलिरी बंदूकें और मानवमुक्त एरियल वाहन भी शामिल किए गए थे। युद्धाभ्यास में सेना द्वारा युद्धक विमानों का भी इस्तेमाल किया गया। इस युद्धाभ्यास में पैराजंपिंग की टुकड़ियों ने भी हिस्सा लिया। इसके अलावा एयर फोर्स भी इसमें शामिल थी।
उल्लेखनीय है भारतीय सेना ने चीन से सटे पूर्वी लद्दाख एरिया में पहली बार इस तरह का युद्धाभ्यास किया गया है। पूरे एक दिन तक चले युद्धाभ्यास की तैयारी भारतीय सेना ने पिछले एक महीने से कर रही थी। माना जा रहा है भारतीय सेना द्वारा किया यह युद्धाभ्यास पेन्पोंग झील के किनारे भारतीय और चीनी सेना की टुकड़ियों के बीच हुए झड़प के बाद किया गया है।
दरअसल, भारतीय सेना ने चीन से सटे सरहद के पास यह युद्धाभ्यास तब किया है जब चीन भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और लद्दाख और जम्मू और कश्मीर राज्यों का पुनर्गठन करके केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से खुश नहीं था। यही नहीं, यह युद्धाभ्यास तब भी हो रहा है जब एक महीने बाद चीनी राष्ट्रपित शी जिनपिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं।
भारतीय सेना द्वारा किया गया यह युद्धाभ्यास नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टीनेंट जनरल रणबीर सिंह के मौजूदगी में ऐसे दुर्गम स्थान पर किया गया जो एक सुपर हाई एल्टीट्यूड एरिया कहलाता है। इस युद्धाभ्यास की तैयारी फायर एंड फ्युरी सैन्य दल (14 सैन्य दल) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टीनेंट जनरल वाई के जोशी के निर्देशन में पूरा किया गया। यह सैन्य दल रक्षात्मक और आक्रामक दोनों भूमिकाओं में पूर्वी लद्दाख के लाइन ऑफ एक्चुअल विद चाइना पर सरहद की निगरानी करती है।
लेफ्टीनेंट जनरल रणबीर सिंह ने युद्धाभ्यास के बाद कमांडर और टुकड़ी के जवानों को हाई एल्टीट्यूड क्षेत्र में युद्धक क्षमता प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि भारत और चीन के विरुद्ध युद्ध की स्थिति आई तो नॉर्दन कमांड युद्ध के दौरान दुश्मनों से मुकाबला करने में पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने बताया कि भारतीय सेना में नए युद्धक हथियार प्रणाली और हाईटेक हथियारों के शामिल होने से भारतीय सेना की क्षमता और घातकता दोनों में लगातार सुधार हुआ है। इस दौरान उन्होंने सभी रैंक के सैनिकों को एक हाई ऑपरेशनल की तैयारी के लिए तैयार रहने का निर्देश भी दिया।
गौरतलब है भारतीय सेना अगले महीने हिम विजय नामक एक और बड़ा युद्धाभ्यास अरूणाचल प्रदेश में करने जा रही हैं, जिसमें पर्वत श्रृंखलाओं पर नए हमलावर तरीकों, इंटीग्रेटेड हमलावर दल का परीक्षण किया जाएगा। मतलब साफ है कि भारतीय सेना और भारत सरकार इस बार चीनी हरकतों मुंहतोड़ जवाब देने के मूड में हैं।
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