राफइलमैन औरंगजेब की हत्या के सिलसिले में सेना ने तीन जवानों को भी हिरासत में लिया
श्रीनगर। सेना ने राइफलमैन औरंगजेब की हत्या के सिलसिले में राष्ट्रीय राइफल्स के तीन जवानों को गिरफ्तार किया है। इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इन तीन जवानों को औरंगजेब के अपहरण और उसकी हत्या में शामिल होने के आरोपों और पूछताछ के मकसद से गिरफ्तार किया गया है। औरंगजेब की पिछले वर्ष जून में उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह ईद की छुट्टियों पर अपने घर जा रहे थे। इस पूरी घटना में रक्षा प्रवक्ता का कहना है कि इस मामले में सभी जरूरी जानकारियों को जुटाया जा रहा है।
औरंगजेब के बारे में दी जानकारियां
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राइफल्स के जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन पर शक है कि उन्होंने औरंगजेब के बारे में जानकारियां आतंकियों से साझा की थीं। जवान औरंगजेब अपने कैंप से पुंछ के लिए रवाना हुए थे, जहां पर उनका घर है और तभी उनका अपहरण कर लिया गया था। उनकी हत्या ने पूरे देश में लोगों के अंदर गुस्सा पैदा कर दिया था। पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
पिता बीजेपी में हुए शामिल
रविवार को उनके पिता मोहम्मद हनीफ बीजेपी में शामिल हुए हैं। जम्मू के विजयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में मोहम्मद हनीफ ने बीजेपी की सदस्यता ली थी। सोमवार को जिन जवानों को गिरफ्तार किया गया है उनमें 27 वर्षीय तवासीफ अहमद भी हैं जो आबिद वानी के भाई हैं उन्हें भी हिरासत में लिया गया है। तवासीफ अहमद को अस्पताल ले जाया गया है क्योंकि उन पर हमला हुआ था। इस हमले में उन्हें कई चोटें आई हैं। तवासीफ को श्रीनगर स्थित श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है और डॉक्टरों को कहना है कि उनकी हालत स्थिर है।
तीनों जवानों से हो रही है पूछताछ
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि राष्ट्रीय राइफल्स के आबिद वानी, ताजामुल अहमद और आदिल वानी से पूछताछ की जा रही है। कहा जा रहा है कि इन्होंने ही औरंगजेब से जुड़ी कई जानकारियां साझा की थीं। इनमें से दो पुलवामा से हैं और एक कुलगाम का रहने वाला है। जांच के दौरान पुलिस को औरंगजेब की हत्या में इन तीनों के रोल के बारे में पता लगा था। वहीं तवासीफ अहमद के परिवार के सदस्यों का कहना है कि जिस समय वह राष्ट्रीय राइफल्स के पुलवामा स्थित कैंप में आए तो वहां पर उन्हें पीटा गया था। उन्हें स्थानीय नागरिकों ने देखा और फिर उन्हें लेकर अस्पताल गए।
समीर टाइगर का खात्मा करने वाली टीम का हिस्सा
औरंगजेब का परिवार कई वर्षो से सेना के साथ जुड़ा हुआ है। उनके पिता सेना से रिटायर हैं तो उनके चाचा की मौत आतंकियों से लड़ते हुए साल 2004 में हो गई थी। उनके भाई भी सेना में हैं। औरंगजेब मेजर रोहित शुक्ल की उस टीम में शामिल थे जिसने हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी समीर टाइगर को मारने में कामयाबी हासिल की थी। औरंगजेब अपनी ड्यूटी पूरी करके लौट रहे थे कि तभी हथियारों से लैस आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था।