सेना को सप्लाई किया जा रहा है खराब गोला-बारूद, सरकार को लिखी गई चिट्ठी
नई दिल्ली। भारतीय सेना (Indian Army) पिछले कुछ दिनों में खराब क्वालिटी के गोला-बारूद की वजह से होने वाली असमय मौतों को लेकर खासी चिंतित है। सेना की ओर से इस पर रक्षा मंत्रालय को भी चिट्ठी लिखी गई है। इंग्लिश डेली टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। सेना को चिंता है कि टैंक, आर्टिलरी, एयर डिफेंस और दूसरी बंदूकों के लिए जो गोला-बारूद सप्लाई हो रहा है वह खराब क्वालिटी का है। इस गोला-बारूट को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) की ओर से सेना को सप्लाई किया जा रहा है।
फरवरी में गई थी ऑफिसर की जान
सेना की ओर से रक्षा मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि खराब बारूद की वजह से मौत, चोट लगने या फिर उपकरण को नुकसान पहुंचना चिंता का विषय है। इसकी वजह से ओएफबी पर सेना का आत्मविश्वास कम होता जा रहा है। रक्षा सूत्रों की ओर से बताया गया है कि सेना ने पिछले दिनों रक्षा सचिव अजय कुमार के सामने गंभीर चिंता जताई है कि ओएफबी की तरफ से गुणवत्ता में कमी आ रहा है। देशभर में करीब 41 ऑर्डनेंस फैक्ट्री हैं और इनका टर्नओवर करीब 19,000 करोड़ रुपए का है। इन फैक्ट्रियों पर 12 लाख की क्षमता वाली सेनाओं को गोला-बारूद सप्लाई करने की जिम्मेदारी है।
सेना से मांगी लिखित रिपोर्ट
सूत्रों की मानें तो सेना की बात सुनने के बाद रक्षा सचिव अजय कुमार ने अधिकारियों को एक लिखित दाखिल करने को कहा है। अखबार में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि खराब क्वालिटी के गोला बारूद की वजह से 105 मिमी लाइट फील्ड गन, 130 मिमी एमके-1 मीडिय गन, 40 एमएम एल-70 एयर डिफेंस गन के अलावा टी-72, टी-90 और अर्जुन टैंक और यहां तक कि बोफोर्स को भी इसकी वजह से समस्या उठानी पड़ रही है। पिछले पांच ववर्षों में टैंकों की ओर से जो फायरिंग की गई है उसमें 125 मिमी हाई एक्सप्लोसिव गोला-बारूद की वजह से 40 एक्सीडेंट्स हो चुके हैं। इस वर्ष फरवरी में राजस्थान स्थित महाजन फील्ड रेंज में भी एक ऐसा हादसा हुआ था। इसमें एक कर्नल रैंक के ऑफिसर की मृत्यु हो गई थी तो चार जवान घायल हो गए थे। सिर्फ इतना ही नहीं अब एल-70 में प्रयोग होने वाला बारूद भी संदेह के घेरे में है।
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