लद्दाख पर बोले सेना प्रमुख- 'शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद लेकिन किसी भी स्थिति के लिए सेना तैयार'
General MM narvane PC: नई दिल्ली। सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे भारतीय सेना की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे हैं। पिछला साल चुनौतियों से भरा था। हमें इन चुनौतियों का सामना करना था और आगे बढ़ना था। हमने ऐसा ही किया और शीर्ष पर आ गए। हमारे सामने बड़ी चुनौती Covid-19 और देश की उत्तरी सीमा पर थी।
सेना प्रमुख ने कहा कि हमने देश की उत्तरी सीमा पर पूरी तरह सतर्क हैं और एक आदर्श स्थिति बनाए रखी है। हम एक शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन किसी भी घटना को पूरा करने के लिए तैयार हैं।
सेना के आधुनिकीकरण पर बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना को तकनीक रूप से विकसित करने के लिए व्यापक रोडमैप तैयार किया गया है जिसमें सभी तकनीकों से सेना को जोड़ा जाएगा।
नरवणे ने पाकिस्तान के बारे में बोलते हुए कहा पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखे हुए है। हमारे पास आतंक को लेकर जीरो-टॉलरेंस है। हम जवाब देने के लिए समय और स्थान खुद चुनते हैं और हमने ये साफ संदेश बॉर्डर के पार भेज दिया है। पाकिस्तान और चीन मिलकर एक शक्तिशाली खतरा पैदा करते हैं और दोनों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।
पठार
में
चीनी
सैनिकों
की
संख्या
में
कमी
तिब्बत
में
चीन
की
ताकत
के
बारे
में
भी
सेना
प्रमुख
ने
बात
की।
"हर
साल
पीएलए
के
सैनिक
पारंपरिक
प्रशिक्षण
क्षेत्रों
में
आते
हैं।
सर्दियों
में,
और
प्रशिक्षण
अवधि
के
पूरा
होने
के
साथ,
प्रशिक्षण
क्षेत्रों
को
खाली
कर
दिया
गया
है।
जो
सैनिक
तिब्बती
पठार
में
गहराई
वाले
क्षेत्रों
में
थे
वे
वापस
चले
गए
हैं
तो
ये
माना
जा
रहा
है
कि
पठार
पर
सैनिकों
में
कमी
आई
है।"
उन्होंने
आगे
कहा
कि
"जहां
तक
तनाव
वाले
क्षेत्रों
की
बात
है
उन
इलाकों
में,
न
तो
चीन
की
तरफ
ही
न
ही
हमारी
तरफ,
ताकत
में
कोई
कमी
नहीं
हुई
है।"
सेना प्रमुख ने बताया कि हालांकि इस बार अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में अधिक सैनिक तैनात हैं लेकिन ठंड के कारण सैनिकों की मौत के मामले में स्थिरता है। पिछले साल यह 0.13 प्रतिशत थी और इस साल 0.15 प्रतिशत है
बातचीत को लेकर जनरल नरवणे ने बताया कि भारत और चीन के बीच आपसी और सुरक्षा के मुद्दे पर बातचीत जारी रहेगी। मुझे विश्वास है कि हम इस मुद्दे को हल करने में सक्षम होंगे।
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