सेना प्रमुख जनरल रावत ने कहा लद्दाख में चीन ने नहीं की थी कोई घुसपैठ
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावज ने लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ से इनकार कर दिया है। गुरुवार को ऐसी खबरें आई थीं कि चीनी सेना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पार करके लद्दाख के डेमचोक सेक्टर तक आ गई थी। घटना पिछले हफ्ते की बताई जा रही है जब दलाई लामा के बर्थडे पर कुछ तिब्बती नागरिकों ने तिब्बत का झंडा फहराया था।
पिछले हफ्ते की घटना
सेना प्रमुख ने शनिवार को एक कार्यक्रम से अलग इस मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने कहा, 'कोई भी घुसपैठ नहीं हुई थी। फ्लैग मीटिंग में इस मसले को उठाया था और यह सुलझ गया। चीनी सेना के साथ हमारे काफी अच्छे प्रोफेशनल रिश्ते हैं।' उन्होंने कहा कि भारत की तरफ कुछ तिब्बती नागरिकों की ओर से डेमचोक सेक्टर में उत्सव मनाया जा रहा था। इसके बाद कुछ चीनी यह जानने आए थे कि क्या हो रहा है। लेकिन कोई घुसपैठ नहीं हुई थी। सब-कुछ सामान्य है। उन्होंने कहा कि जाहिर सी बात है कि जब कोई सामान्य नागरिक आता है तो उसके साथ चीनी सेना का जवान होता है। वह भी नागरिकों पर उसी तरह से नजर रखना चाहते हैं जैसे हम रखते हैं। यहां तक कि सेना और आईटीबीपी भी हमारे लोगों को लेकर बॉर्डर एरिया में जाते हैं अगर वह कुछ देखना चाहते हैं।
पिछले हफ्ते तिब्बती नागरिकों की तरफ से झंडा फहराया गया था। इसके बाद कुछ चीनी नागरिक असैन्य कपड़ों में लद्दाख में एलएसी के करीब तक आ गए थे। चीन की तरफ से ईस्टर्न लद्दाख में दलाई लामा के बर्थडे के मौके पर प्रदर्शित किए गए बैनर्स का सख्त विरोध किया गया है। इप बैनस पर लिखा था 'तिब्बत को तोड़ने वाली हर गतिविधि पर प्रतिबंध लगे।'