आर्मी चीफ जनरल रावत चीन के साथ मिलिट्री संबंधों पर बोले-'हमने तो उन्हें भांगड़ा करा दिया'
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नई दिल्ली। गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सालान प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। आर्मी डे से पहले इस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अफगानिस्तान से लेकर चीन जैसे मुद्दों पर बात की। आर्मी चीफ जनरल रावत ने इस दौरान कहा कि अप्रैल में वुहान समिट के बाद भारत और चीन के बीच संबंध बेहतर हुए हैं। इसके साथ ही जनरल रावत ने तालिबान के साथ वार्ता का समर्थन तो किया लेकिन यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में वार्ता का यही फॉर्मूला लागू नहीं हो सकता है। सेना दिवस से पहल हर वर्ष आर्मी चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन होता है। इस कॉन्फ्रेंस में सेना प्रमुख कई मुद्दों पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हैं। यह भी पढ़ें-गे सेक्स पर आर्मी चीफ जनरल रावत का बयान-सेना में यह सब नहीं चलेगा
हैंड इन हैंड एक्सरसाइज में सामने आया वीडियो
जनरल रावत से चीन के साथ मिलिट्री संबंधों के बारे में सवाल किया गया था। इस सवाल के जवाब में उन्होंने जवाब दिया, 'हमने उन्हें भांगड़ा करवा दिया।' जनरल रावत का इशारा हाल में चीन में हुई ज्वॉइन्ट एक्सरसाइज 'हैंड इन हैंड' की तरफ था। इस एक्सरसाइज के दौरान कुछ सिख सैनिकों ने भांगड़ा की धुन पर चीनी सैनिकों को डांस के टिप्स दिए थे। इस 'डांसिंग फ्रेंडशिप' का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के मकसद से चीन के चेंगदू में इस मिलिट्री ड्रिल का आयोजन दिसंबर माह में हुआ था।
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क्या है हैंड इन हैंड एक्सरसाइज
हैंड इन हैंड एक्सरसाइज हर एक वर्ष के अंतराल में होती है। साल 2017 में इस एक्सरसाइज का आयोजन नहीं हो सका था और वजह था दोनों देशों के बीच 73 दिनों तक चला डोकलाम विवाद। दिसंबर माह में हुई ज्वॉइन्ट एक्सरसाइज में दोनों देशों के 100 सैनिकों ने हिस्सा लिया था। साल 2018 में इस युद्धाभ्यास के सांतवें संस्करण का आयोजन हुआ था। इंटरनेशनल काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिस्ट एनवायरमेंट को ध्यान में रखकर इस एक्सरसाइज को आयोजन चीन की तरफ से हुआ था।
कश्मीर में जवानों को नई स्नाइपर राइफल
जनरल रावत ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि कश्मीर में तैनात जवानों को नई स्नाइपर राइफल्स मिलेंगी। उन्होंने जानकारी दी कि 20 जनवरी तक नई राइफल्स आ जाएंगी। इन राइफल्स को नॉर्दन आर्मी कमांडर्स को मिली विशेष आर्थिक शक्तियों के तहत हासिल फंड की मदद से खरीदा गया है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि भारत के अपने हित अफगानिस्तान से जुड़े हैं। ऐसे में अगर तालिबान के साथ वह वार्ता में शामिल होता है तो बिल्कुल उसे आगे बढ़ाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने तुरंत यह बात भी कही कि इसी तरह का फॉर्मूला जम्मू कश्मीर में लागू नहीं हो सकता है।