इंडियन आर्मी ने पेश की मिसाल, PoK से बहकर आए सात साल के बच्चे का शव पाक आर्मी को सौंपा
श्रीनगर। भारतीय सेना ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है और बता दिया है कि क्यों वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में शुमार की जाती है। सेना ने गुरुवार को प्रोटोकॉल तोड़कर पाकिस्तान के एक सात साल के बच्चे का शव पाकिस्तानी आर्मी को सौंपा है। यह बच्चा पीओके से बहता हुआ, भारत आ गया था। इसके परिवार की ओर से पिछले दिनों सोशल मीडिया पर अपील भी की गई थी। इस बच्चे का नाम आबिद शेख था और यह पीओके के गिलगित बाल्टीस्तान के एक गांव से बहता हुआ, कश्मीर के किशनंगगा नदी में आ गया था।
गुरेज के अस्पताल में थी डेडबॉडी
मंगलवार को बच्चे का शव बरामद हुआ था और इसे नॉर्थ कश्मीर के बांदीपोर के तहत आने वाले गुरेज के अस्पताल में रखा गया था। इसका शव एलओसी से सटे गुरेज के अछूरा गांव में मिला था। किशन गंगा नदी को पाकिस्तान में नीलम नदी के नाम से जानते हैं। पुलिस को नदी में एक शव की जानकारी मिली और फिर इसके बाद वह तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुई। शव को सरकारी अस्पताल ले जाया गया और सभी कानूनी प्रक्रियाएं भी पूरी की गईं।
पिता ने मांगी थी इमरान से मदद
पुलिस इस बच्चे की पहचान नहीं पता लगा पा रही थी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो आया जिसमें बच्चे के पिता नाजीर शेख ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से अपील की थी। इस अपील में उन्होंने कहा था कि वह भारत से उनके बच्चे का शव वापस मांगने में मदद करें।
पहले भी सेना ने पेश की मिसाल
इसके साथ ही पाकिस्तान के उच्चायुक्त से भी मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई थी। बच्चे के पिता का कहना था कि इंडियन अथॉरिटीज की ओर से जो तस्वीरें जारी की गई थीं, उससे उन्होंने अपने बच्चे को पहचाना है। बच्चा सोमवार से ही गायब था। पहले भी इस तरह की घटनाएं हुईं हैं जिनमें अच्छे बर्ताव का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान के नागरिकों को सेना ने सुरक्षित उनके देश वापस भेज दिया है।
कुपवाड़ा में चाहती थी पाक आर्मी बच्चे का शव
पाकिस्तान आर्मी ने इस बात पर जोर दिया था कि बच्चे का शव कुपवाड़ा के तीतवाल इलाके में उन्हें सौंपा जाए। यह जगह गुरेज से 150 किलोमीटर दूर है। जम्मू कश्मीर पुलिस के एक ऑफिसर ने बताया कि तीतवाल से बच्चे का शव उसके गांच तक पहुंचने में करीब दो दिन का समय लग जाएगा। लेकिन बाद में पाक आर्मी ने गुरेज के छुरवान में ही शव लेने पर रजामंदी जताई।