‘नौशेरा का शेर' ब्रिगेडियर उस्मान की टूटी कब्र को सेना कराया ठीक, सामने आई तस्वीरें
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान युद्ध (1947-48)(Indo Pak war) के दौरान शहीद (war martyr) हुए वरिष्ठ अधिकारी 'नौशेरा का शेर' (Lion of Naushera)ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान (Brigadier Mohammed Osman) की दिल्ली (delhi) में क्षतिग्रस्त कब्र की भारतीय सेना ने मरम्मत करवा दी है। जामिया मिलिया स्थित कब्र पर नया पत्थर और साइन-बोर्ड लगने के बाद सैनिकों और स्थानीय लोगों ने पूरी कब्र को फूलों से सजाया है। दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अधिकार क्षेत्र में आने वाले कब्रिस्तान में कब्र को हाल ही में जर्जर स्थिति में पाया गया।
एब वेब पोर्टल पर कब्र की स्थिति के बारे में कुछ तस्वीरों के बाद बदहाल स्थिति का पता चला जिसके बाद सेना ने मामले का संज्ञान दिया। सेना के एक सूत्र ने बताया, ''यह कब्रिस्तान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अधिकार क्षेत्र में आता है इसलिए प्रशासन के पास इस कब्र की देखरेख की जिम्मेदारी है। और अगर वे यह काम नहीं कर सकते तो सेना अपने नायक की कब्र की देखरेख करने में पूरी तरह सक्षम है।
यह कब्रिस्तान बटला हाउस के पास है जहां कई और नामी लोग चिरनिंद्रा में लीन हैं। विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधि ने बताया, संबंधित कब्र की देखरेख के लिए जिम्मेदार सेना की इकाई ने कब्र की मरम्मत का काम कराने के लिए विश्वविद्यालय से औपचारिक तौर पर अनुमति मांगी थी। उन्हें अनुमति दे दी गयी। 36 साल की उम्र में बलिदान देने वाले ब्रिगेडियर उस्मान के जनाजे में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू भी शामिल हुए थे।
मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर उस्मान ब्रिगेडियर उस्मान के नेतृत्व में भारतीय सेना ने नौसेरा को अपने अधिकार-क्षेत्र में कर पाक सेना को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था। उनकी बहादुरी के कारण ही उनको नौसेना का शेर का खिताब दिया गया था। विभाजन के समय मोहम्मद अली जिन्ना ने ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को पाकिस्तानी सेना में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन ब्रिगेडियर उस्मान ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था।
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