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मेक इन इंडिया को बड़ा झटका, देश में सेना के लिए तैयार राइफल लगातार दूसरी बार ट्रायल में फेल

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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत सेना का देश में बनी राफइल की ताकत हासिल हो सकेगी, फिलहाल तो ऐसा नजर नहीं आ रहा है। सेना ने एक बार फिर से मेक इन इंडिया के तहत पूरी तरह से देसी राइफल को असंतोषजनक और अविश्‍वसनीय करार दिया है। देश की सेनाओं की ताकत को बढ़ाने के लिए शुरू मेक इन इंडिया के लिए यह एक बड़ी असफलता साबित की तरह है।

मेक इन इंडिया को बड़ा झटका, देश में सेना के लिए तैयार राइफल ट्रायल में फेल

राइफल से मिले असंतुष्‍ट नतीजे

यह लगातार दूसरा मौका है जब सेना ने इन राइफल्‍स को रिजेक्‍ट किया है। सेना की ओर से कहा गया है, 'अपनी वर्तमान स्थिति में यह राइफल सारी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रही है, काफी असंतोषजनक है और इसकी डिजाइन को विस्‍तृत विश्‍लेषण की खासी जरूरत है।' इस राइफल को ऑर्डनेंस फैक्‍ट्री बोर्ड (ओएफबी) की ओर से विकसित किया जा रहा था और इस राइफल के जरिए दो लाख असॉल्‍ट राइफल्‍स की कमी को दूर करने का माध्‍यम माना गया था। इसके अलावा इसे सेना के पास मौजूद इंसास राइफल्‍स यानी स्‍मॉल ऑर्म्‍स सिस्‍टम का विकल्‍प माना गया था। इंसास को वर्ष 1988 में सेना में शामिल किया गया था। नई राइफल का ट्रायल पश्चिम बंगाल के इच्‍छपुर में 13 और 14 जून को हुआ था और इस ट्रायल के बाद सेना ने तय किया कि इसमें और सुधार की जरूरत है। सेना का कहना है कि 7.62 x51 एमएम वाली इस राइफल में कई कमियां हैं।

1.85 लाख राइफलों की जरूरत

वहीं ओएफबी के एक अधिकारी का कहना है कि सेना पहले राउंड के बाद इस राइफल से संतुष्‍ट थी। अधिकारी की मानें तो सेना ने हाल ही में राइफल के लिए सकारात्‍मक रिपोर्ट दी थी। इन राइफलों के खारिज होने के बाद अब सेनाओं, डीआरडीओ और रक्षा उत्‍पादन विभाग के प्रतिनिधियों की मीटिंग होगी और फिर आगे के विकल्‍पों पर विचार किया जाएगा। सेना के सूत्रों की मानें तो पहले ट्रायल के बाद कई कमियां नोटिस की गईं। आठ में चार राइफल तो फायरिंग के लिए भी फिट नहीं थीं। सूत्रों ने यहां तक कहा है कि राइफल मध्‍य प्रदेश के महू के इंफैंट्री स्‍कूल में होने वाले अगले ट्रायल के लिए भी फिट नहीं पाई गई थीं। इसके मैगजीन की रि-डिजाइनिंग से लेकर इसके सेफ्टी मैकेनिज्‍म और अधूरे साइटनिंग सिस्‍टम पर भी सेना ने गहरी चिंता जाहिर की है। सितंबर 2016 में रक्षा मंत्रालय ने रिक्‍वेस्‍ट ऑफ इनफॉर्मेशन यानी आरएफआई जारी किया था। इसमें कहा गया था सेना को 1.85 लाख राइफल चाहिए और इनमें से 65,000 राइफल एकदम जरूरी हैं।

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English summary
Indian Army again rejects Make in India rifle due to its bad quality.
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