लद्दाख में हर मुश्किल हालात से निपटने के लिए वायुसेना तैयार, LAC के पास सुखोई जैसे हाईटेक विमान तैनात
नई दिल्ली: लद्दाख में पिछले दो महीनों से सीमा विवाद जारी है। इस बीच गलवान घाटी में हुई झड़प ने तनाव को और ज्यादा बढ़ा दिया है। पीएम मोदी भी इशारों ही इशारों में कई बार चीन को चेतावनी दे चुके हैं। जिससे साफ है कि भारत अब अपनी जमीन पर किसी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगा। इस बीच खबर सामने आ रही है कि भारतीय वायुसेना ने LAC के पास के सभी एयरबेस पर हाईटेक लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स की तैनाती की है, ताकी वक्त पड़ने पर दुश्मन को करार जवाब दिया जा सके।
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ग्लोबमास्टर ने संभाला मोर्चा
Business Standard की रिपोर्ट के मुताबिक सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट विमान को लद्दाख का जिम्मा दिया गया है, ताकी युद्ध जैसे हालात में LAC तक जवानों और हथियारों को आसानी से पहुंचाया जा सके। ग्लोबमास्टर के अलावा सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस की भी तैनाती की गई है। इस विमान ने दौलत बेग ओल्डी में लैंड कर इतिहास रचा था। वहीं 3488 किलोमीटर लंबी चीन सीमा पर सैनिकों को पहुंचाने के लिए Ilyushin-76 विमान का भी उपयोग भारतीय वायुसेना कर रही है।
हवा में नजर आ रहे सुखाई
रिपोर्ट के मुताबिक वायुसेना को लद्दाख की मौजूदा स्थिति का अंदाजा पहले ही हो गया था। ऐसे में उसने लेह और श्रीनगर समेत कई प्रमुख ठिकानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 जैसे हाईटेक विमानों की बड़ी संख्या में तैनाती कर दी है। इन विमानों ने लद्दाख से सटे संवेदनशील हवाई इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है। इसे चीनी वायुसेना की गतिविधियों की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। इन दिनों लेह के आसमान में लड़ाकू विमान की गर्जना सुनाई देना आम बात हो गई है।
अटैक हेलीकॉप्टर्स की भी तैनाती
हाल ही में भारत को अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर मिले थे। ये दुनिया के सबसे घातक हेलीकॉप्टरों में से एक माने जाते हैं। इसकी तैनाती लद्दाख के अग्रिम एयरबेस पर कर दी गई है। वहीं अमेरिका से आए हैवी लिफ्ट चिनूक को भी लद्दाख में उड़ान भरते देखा जा सकता है। लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में ये हेलीकॉप्टर भारी भरकम सामान आसानी से पहुंचा सकते हैं। मामले में वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।
वायुसेना प्रमुख कर चुके हैं दौरा
गलवान घाटी में झड़प के बाद वायुसेना प्रमुख लद्दाख पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने लेह और श्रीनगर एयरबेस का दौरा किया था। साथ ही वहां की तैयारियों का जायजा भी लिया था। वायुसेना प्रमुख के दौरे के बाद से ही हमारे विमान एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक लेह और उसके आसपास के इलाकों में लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर दिखाई देते हैं।
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