लद्दाख में चीन बॉर्डर के करीब उड़ान भर रहे हैं राफेल जेट, हर मिशन के लिए हैं रेडी
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच आज छठें दौर की कोर कमांडर वार्ता होने वाली है। सुबह नौ बजे से यह वार्ता मोल्डो में होगी। वहीं, इससे अलग इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के राफेल जेट इस समय लद्दाख में उड़ान भर रहे हैं। रविवार रात राफेल जेट्स ने लद्दाख में चीन बॉर्डर के करीब सॉर्टीज को अंजाम दिया है। आईएएफ सूत्रों की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है। यह जानकारी ऐसे समय में सामने आई है जब रविवार को इस बात की खबर आई थी कि इंडियन आर्मी ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर रणनीतिक तौर पर अहम छह चोटियों पर कब्जा कर लिया है।
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अंबाला से लद्दाख क्यों गए थे राफेल
सूत्रों की तरफ से बताया गया है राफेल के पायलट्स अंबाला से लद्दाख तक राफेल को उड़ाकर ले गए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस मिशन का मकसद लद्दाख के ऑपरेशनल एनवॉयरमेंट को परखना था। आईएएफ के पास इस समय पांच राफेल जेट्स हैं और ये पूरी तरह से ऑपरेशनल हैं। अधिकारियों के मुताबिक इस समय चीन के साथ जारी टकराव के दौरान भी ये जेट्स किसी भी मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं। 10 सितंबर को ही अंबाला में इन जेट्स को औपचारिक तौर पर आईएएफ में शामिल किया गया है। उस समय आईएएफ चीफ, चीफ एयरमार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्पष्ट कर दिया था कि राफेल किसी भी मुश्किल स्थिति में मिशन के रेडी हैं। चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया के मुताबिक राफेल जेट्स भारत की जरूरत के हिसाब से उड़ान भर चुके हैं। ये जेट्स वर्तमान परिस्थितियों में बेहतर नतीजे देने में पूरी तरह से सक्षम हैं।
हिमाचल में किया था अभ्यास
29 जुलाई को पांच राफेल जेट का पहला बैच अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचा था और ये जेट्स इस समय 17 ग्लोडन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। अक्टूबर में राफेल जेट का एक और बैच फ्रांस से भारत आएगा। आईएएफ को साल 2021 तक सभी 31 राफेल जेट्स मिल जाएंगे। अंबाला के अलावा जेट्स को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में भी तैनात किए जाएंगे।मीटियोर बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल के अलावा स्कैल्प एयर-टू-ग्राउंड सिस्ट से लैस पांच राफेल जेट इस समय हिमाचल की मुश्किल पहाड़ियों में अभ्यास किया था। सूत्रों की मानें तो अगर लद्दाख में हालात बिगड़े तो भी राफेल रेडी हैं।