वायु सेना के बेड़े में शामिल होंगे 83 तेजस विमान, HAL को दिया गया ऑर्डर
तेजस लड़ाकू विमान कार्यक्रम के शुरूआत में इसमें कई रुकावटें आईं और पिछले एक दशक के दौरान कार्यक्रम ने गति पकड़ी है।
नई दिल्ली। स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान कार्यक्रम में बड़ी प्रगति के तहत वायु सेना ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड (एचएएल) को 83 हल्के लड़ाकू विमान बनाने का ऑर्डर दिया है। एचएएल ने अपने एक बयान में कहा कि भारतीय वायु सेना से उसे 83 हल्के लड़ाकू विमानों के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल मिला है। एचएएल द्वारा निर्मित पाँच तेजस विमानों को पिछले साल वायु सेना में शामिल किया जा चुका है। तेजस विमान के कार्यक्रम पर 1983 से काम चल रहा है।
50 हजार करोड़ रुपए लागत का अनुमान
तेजस लड़ाकू विमान कार्यक्रम के शुरूआत में इसमें कई रुकावटें आईं और पिछले एक दशक के दौरान कार्यक्रम ने गति पकड़ी है। एचएएल को वायुसेना से 40 लड़ाकू विमानों के लिए पहले ही ऑर्डर मिल चुका है। नया प्रस्ताव 83 अतिरिक्त विमानों के लिए है जिनकी कीमत तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। बता दें कि इस समय वायु सेना के पास लड़ाकू विमान कम हैं। वायु सेना में लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वॉड्रन होने चाहिए लेकिन अभी सिर्फ 31 स्क्वॉड्रन ही हैं।
4.5वीं पीढ़ी का विमान है तेजस
पिछले दिनों एचएएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक टी. सुवर्ण राजू ने बताया था कि वायुसेना की मांग पर तेजस में 42 सुधार किए गए हैं। उनका कहना था, 'तेजस 4.5वीं पीढ़ी का विश्वस्तरीय लड़ाकू विमान है। हम इसके विभिन्न मानकों में और सुधार कर सकते हैं। हमें तेजस पर गर्व है। हर भारतीय को भी तेजस पर गर्व होगा।'
वायुसेना के पास चौथी पीढ़ी के विमान
खरीद से संबंधित फैसले लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई रक्षा खरीद परिषद ने पिछले साल नवंबर में 50,025 करोड़ रुपये की लागत से वायुसेना के लिए 83 तेजस मार्क-1ए विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस सौदे पर आगामी पांच महीनों में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इन 83 विमानों में से 10 का इस्तेमाल प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। लड़ाकू विमानों को उनकी वैमानिकी, क्षमताओं और हथियार प्रणाली के आधार पर विभिन्न पीढि़यों में विभाजित किया जाता है। वायुसेना के वर्तमान बेड़े में 3.5वीं से चौथी पीढ़ी के विमान हैं।
2GScam: आरोप लगाने वालों की बोलती बंद, कोर्ट से मिला न्याय- कनिमोझी