पाकिस्तान के चंगुल में फंसा वायुसेना का ग्रुप कैप्टन, व्हाट्सएप पर सेक्स चैट के लिए कर दी देश से गद्दारी
नई दिल्ली। हुस्न के जाल में फंसकर भारतीय वायु सेना ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह ने देश से गद्दारी कर दी। फोन पर सेक्स चैट के लिए कैप्टन मारवाह ने दुश्मन देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को सीक्रेट जानकारी एवं दस्तावेज लीक किए। दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में खुद मारवाह ने कबूल किया है कि उसने सीक्रेट जानकारी लीक की है। साथ ही उसने यह भी खुलासा किया कि लड़की के कहने पर उसने व्हाट्सऐप चैट करने के मकसद से खुद सिम कार्ड खरीदा और लड़की के बताए पते पर भेज दिया। उसके बाद उसी सिम से लड़की ने व्हाट्सएप चलाना शुरू किया और वीडियो कॉल पर सेक्स चैट होने लगा। हनी ट्रैप के जाल में फंसकर मारवाह ने उसी व्हाट्सऐप पर वायुसेना के गोपनीय अहम दस्तावेज लीक किए। विस्तार से जानिए पूरा मामला
महिमा पटेल और किरन रंधावा के नाम से क्रिएट फेक फेसबुक अकाउंट के जरिए फंसाया
पूछताछ में मारवाह ने बताया कि मारवाह को महिमा पटेल और किरन रंधावा के नाम से क्रिएट किए गए दो फेक फेसबुक अकाउंट के जरिए फंसाया गया था। मारवाह ने बताया कि उसने दोनों ही लड़कियों को व्हाट्सऐप पर वायुसेना के अहम दस्तावेज भेजे। अधिकारी ने पुलिस को बताया कि वह उन दोनों महिलाओं से कभी नहीं मिले, यहां तक कि उन्हें फेसबुक पर भी कभी ऑनलाइन नहीं देखा।
न्यूड फोटो और सेक्स चैट के लिए भेजा सिम
मारवाह का कहना है कि वह पूरी तरह उन लड़कियों के मोह में फंस चुका था और उनके साथ अश्लील वीडियो चैट करना चाहता था। इसीलिए उसने खुद सिम कार्ड खरीदे और उन्हें भेजे. सूत्रों के अनुसार, मारवाह से फेसबुक पर संपर्क में आई किरन रंधावा नाम की महिला ने अपनी उम्र 20 के करीब बताई और खुद को मॉडलिंग से जुड़ा बताया।
फेसबुक मैसेंजर पर भी भेजे दस्तावेज
बीते वर्ष दिसंबर में त्रिवेंद्रम की यात्रा के दौरान मारवाह किरन के संपर्क में आया। किरन के साथ चैटिंग के अलावा दोनों एकदूसरे का वीडियो भी शेयर करने लगे। मारवाह ने खुलासा किया कि उसने किरन के फेसबुक मैसेंजर पर ही कई दस्तावेज भेजे थे।
पैसे लेने की बात अभी सामने नहीं आई
सूत्रों ने बताया कि अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है कि गोपनीय सूचनाएं लीक करने के बदले में आरोपी अधिकारी को पैसे भी दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, 'यह हनी ट्रैप का ही मामला लग रहा है। आरोपी अधिकारी सेक्स चैट के बदले सूचनाएं देने के लिए राजी हो गया था। जो दस्तावेज और जानकारी लीक की गई हैं वह एयरफोर्स के ट्रेनिंग और कॉम्बेट ऑपरेशन से ही जुड़े हैं।
कैसे चुराया दस्तावेज
दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय में स्मार्ट फोन ले जाना मना है। कुछ उच्चाधिकारियों को ही स्मार्ट फोन अंदर ले जाने दिया जाता है। आरोपी अरुण मारवाह चूंकि ग्रुप कैप्टन था, इसलिए उस पर स्मार्टफोन मुख्यालय के अंदर ले जाने पर कोई रोक नहीं थी। मारवाहा ने अपनी वरिष्ठता का इस्तेमाल किया और मुख्यालय के अंदर हमेशा अपना स्मार्ट फोन ले जाता। मारवाह ने अपने स्मार्ट फोन के जरिए ही खुफिया दस्तावेजों की तस्वीरें खींचीं और बाद में व्हाट्सऐप के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट को भेजीं।