कोरोना के खिलाफ जंग में एयरफोर्स ने निभाई अहम भूमिका, 21 दिनों में 1400 घंटे उड़े विमान
नई दिल्ली, मई 12: कोरोना महामारी के बुरी तरह जूझ रहे देश को सेना हर संभव मदद कर रहे है। कोरोना के खिलाफ जंग में भारतीय वायुसेना ने सबसे अहम भूमिका निभाई है। एयरफोर्स ने ना सिर्फ देश के अंदर बल्कि विदेशों से भी ऑक्सीजन टैंकर और चिकित्सीय सामान को पहुंचाया है। देश में ऑक्सीजन संकट को दूर करने के लिए एयरफोर्स ने विदेशों और देश में 732 उड़ानें भरी हैं। इसके अलावा हेलीकॉप्टर के जरिए 498 ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट किए गए हैं।
भारतीय एयरफोर्स के प्रवक्ता ने बताया कि वायु सेना ने इस मेगा ऑपरेशन के लिए 42 एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं। इनमें से 6 सी-17, 6 एल-76 ट्रांसपोर्ट प्लेन हैं। जबकि 30 मीडियम लिफ्ट C-130 JS, AN-32 एयरक्राफ्ट लगाए गए थे। भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता ने कहा, घरेलू क्षेत्र में हमारे पायलटों ने 403 ऑक्सीजन कंटेनरों को स्थानांतरित करने के लिए 939 घंटों में 634 उड़ानें भरीं। इस दौरान 6856 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और 163.3 मीट्रिक टन अन्य उपकरण की सप्लाई की गई।
आईएएफ ने जर्मनी, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और सिंगापुर सहित नौ से अधिक देशों से ऑक्सीजन कंटेनर और अन्य राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरी हैं। इंटरनेशनल सेक्टर में भारतीय विमानों ने 98 उड़ानें भरीं। 480 घंटों के इन सफरों में 95 कंटेनर्स लाए गए। इन कंटेनरों में 793 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आ सकती है। वहीं, 204.5 मीट्रिक टन अन्य राहत साम्रगी भी पहुंचाई गई।
Indian Idol 12: गुस्सा काबू नहीं कर सके आदित्य नारायण, किशोर कुमार के बेटे को कही ये बात
भारतीय वायु सेना 21 अप्रैल से देश के भीतर और बाहर दोनों जगह ऑक्सीजन के एयरलिफ्टिंग में लगी हुई है और इन ऑपरेशनों के लिए विशेष टीमों और क्रू को बनाया है। एयरफोर्स ने अपने कर्मियों को किसी भी संक्रमण से बचने के लिए बायोसेक्योर बुलबुले बनाने की आवश्यकता भी जताई है। इस दौरान एयरफोर्स ने कई अन्य महत्वपूर्ण कामों को रोक रखा है। जिसमें एलएसी के सैनिकों की वापसी भी शामिल है।