बालाकोट से पहले साल 2002 में IAF ने पाकिस्तान में की थी एक एयरस्ट्राइक
नई दिल्ली। कारगिल युद्ध को 20 वर्ष पूरे होने वाले हैं और इस मौके पर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अपने खास ऑपरेशंस को याद कर रही है। इसी मौके पर आईएएफ की ओर से कहा गया 26 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले साल 2002 में भी आईएएफ ने एलओसी पार की थी और पीओके में एयर स्ट्राइक की थी। आपको याद दिला दें कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाने के मकसद से बालाकोट एयर स्ट्राइक की गई थी। इस स्ट्राइक में मिराज2000 फाइटर जेट्स का प्रयोग हुआ था।
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान: रावलपिंडी में मिलिट्री हॉस्पिटल में जोरदार ब्लास्ट
अगस्त 2002 को हुई थी स्ट्राइक
सेंट्रल कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (एओसी) राजेश कुमार सोमवार को ग्वालियर में मीडिया से मुखातिब थे। इसी मौके पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'साल 2002 में हम एलओसी पार करके पीओके में गए थे। यहां पर केल सेक्टर में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई थी। इस एयर स्ट्राइक में पहली बार मिराज फाइटर जेट का प्रयोग हुआ था।' उन्होंने आगे कहा कि इस एयर स्ट्राइक में लेजर गाइडेड बमों का यूज आईएएफ ने किया था। यह एयर स्ट्राइक दो अगस्त 2002 को हुई थी और इसमें आतंकी ठिकानों को नेस्ताबूत किया गया था।
दो अगस्त को हुई थी पहली एयरस्ट्राइक
आईएएफ दो अगस्त 2002 को पीओके में तीन से चार किलोमीटर अंदर तक दाखिल हुई थी। यह वह एयर स्ट्राइक की थी तो दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद हुई थी। संसद हमले के बाद भारत की ओर से ऑपरेशन पराक्रम लॉन्च किया गया था। यह एयर स्ट्राइक इसका ही हिस्सा थी। 29 जुलाई 2002 को इस बात की जानकारी मिली थी कि पीओके के अंदर कुछ संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं। इसके बाद एक अगस्त को इलाके की रेकी की गई और दो अगस्त को गाइडेड बम से एयर स्ट्राइक की। फाइटर जेट्स ने इस एयर स्ट्राइक में ग्वॉलियर एयरबेस से टेक ऑफ किया था।
एक वर्ष तक एलओसी पर रही थी टेंशन
13 दिसंबर 2001 को देश की संसद पर पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने हमला किया। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात 1999 की जंग कारगिल की ही तरह हो गए थे। हमले के बाद दोनों देशों की सेनाएं लाइन ऑफ कंट्रोल पर मौजूद थीं। पाकिस्तान की ओर से लगातार फायरिंग हो रही थी और लग रहा था कि एक बार फिर युद्ध होगा। बॉर्डर पर बैलेस्टिक मिसाइलें तक तैनात हो चुकी थीं। भारत की ओर से उस समय 'ऑपरेशन पराक्रम' लॉन्च हुआ और सेनाओं को एलओसी की तरफ भेजा जाने लगा था।
एलओसी के करीब आने से बचता पाकिस्तान
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईएएफ चीफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के एयरस्पेस का बंद होना, पड़ोसी देश के लिए ही एक बड़ी समस्या है। इससे भारत को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। एयर चीफ मार्शल धनोआ के मुताबिक आईएएफ इस बात को लेकर सुनिश्चित थी कि पाक के साथ तनाव के बाद भी देश के सिविल एविएशन पर कोई असर न पड़े। इस दौरान आईएएफ चीफ ने भी बालाकोट एयरस्ट्राइक के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस एयर स्ट्राइक को जिस मकसद से अंजाम दिया गया, आईएएफ उस मकसद को हासिल करने में सफल रही। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कोई भी पाक जेट बालाकोट के बाद एलओसी के नजदीक नहीं आया है।