IAF चीफ बोले हवा में तैर रहे हैं बालाकोट हवाई हमले के सुबूत लेकिन पाकिस्तान देखना नहीं चाहता
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) चीफ, एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने शुक्रवार को कहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के सुबूत हवा में उड़ रहे हैं लेकिन पाकिस्तान इस बात को समझना नहीं चाहता है। 26 फरवरी को आईएएफ ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे को निशाना बनाया था। यह एयर स्ट्राइक 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले का जवाब थी। आईएएफ चीफ ने कहा कि हमलों में निशाना बनाए गए ढांचे के तौर पर सुबूत पाकिस्तान की आंखों के सामने हैं लेकिन वह देखना ही नहीं चाहता है। उन्होंने जोर देकर यह बात कही कि भारत के फाइटर जेट्स ने गहराई अपने लक्ष्यों को भेदा है।
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आपकी आंखों के सामने हैं सुबूत
एयर चीफ मार्शल ने मशहूर अमेरिकी सिंगह बॉब डिलन के एक ट्रैक के साथ ही पाकिस्तान पर तंज कसा। पाकिस्तान ने आईएएफ के मिराज-2000 जेट्स की ओर से जैश के अड्डों को निशाना बनाए जाने की बात को नजरअंदाज करने से जुड़ा एक सवाल आईएएफ चीफ से पूछा गया था। उन्हें यह भी बताया गया कि पाक ने बॉम्बिंग की वजह से किसी भी तरह की नुकसान की बात को भी खारिज कर दिया है। आईएएफ चीफ ने जवाब दिया, 'सुबूत आपके (पाकिस्तान) के सामने हैं लेकिन आप देखना नहीं चाहते हैं।'
पुलवामा हमले का जवाब था बालाकोट
पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 26 फरवरी को मिराज-2000 जेट्स ने इजरायल के बने स्पाइस 2000 बमों की मदद से जैश के अड्डों को निशाना बनाया। आईएएफ के दो सीनियर ऑफिसर्स की मानें तो इन बमों से बिल्डिंग्स की छतें तक उड़ गई थीं। हर एक बम में 80 किलोग्राम तक का विस्फोटक था और 900 किलो तक की स्टील केसिंग थी। इसकी वजह से जैसे बमों को गिराया गया होगा बिल्डिंग में मौजूद लोगों की तुरंत ही मृत्यु हो गई होगी।
एक माह बाद भी एयरफोर्स हाई अलर्ट पर
धनोआ ने कहा कि बमों ने अपने लक्ष्यों को सीधे गिरते हुए भेदा और इसकी वजह से 80 से 90 सेंटीमीटर तक घेरा बन गया था। 28 फरवरी को आईएएफ की ओर से ऐसे सुबूत दिए गए थे जिससे पता लगता है कि मिराज-200 जेट्स ने अपने मिशन को सही तरह से अंजाम दिया। इन सुबूतों को सरकार को सौंपा जा चुका है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक माह बाद तक इंडियन एयरफोर्स हाई अलर्ट पर है। अधिकारियों की मानें तो दुश्मन की किसी भी हिमाकत का कुछ ही मिनटों के अंदर जवाब दिया जा सकता है। बालाकोट हवाई हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया था।