'राफेल के आने के बाद एलओसी तक भी फटकने की हिम्मत नहीं कर पाएगा पाकिस्तान'
चंडीगढ़। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) चीफ एयरमार्शल बीएस धनोआ ने एक बार फिर से फ्रेंच फाइटर जेट राफेल की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि राफेल के आने के बाद पाकिस्तान की सेनाएं, लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) या फिर इंटरनेशनल बॉर्डर (आईबी ) के पास तक नहीं फटक पाएंगी। धनोआ ने यह बात सोमवार को उस समय कही जब वह चंडीगढ़ में अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनुक की इंडक्शन सेरेमनी के लिए यहां पहुंचे थे। आईएएफ चीफ बीएस धनोआ ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है।
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किसी भी चुनौती का जवाब देने में सक्षम
एएनआई को दिए इंटरव्यू में बीएस धनोआ ने युद्ध के हालातों में राफेल की क्षमताओं के बारे में कई अहम जानकारियां दीं। उन्होंने कहा, 'एक बार जब राफेल आईएएफ को मिल जाएगा तो इससे हमारी हवाई सुरक्षा में और इजाफा होगा। यह जेट यह सुनिश्चित कर सकेगा कि हम किसी भी हवाई चुनौती का जवाब दे सकें।' उन्होंने आगे कहा कि राफेल के आने के बाद पाकिस्तान, एलओसी के करीब तक नहीं आ सकेगा। राफेल की क्षमताओं के जवाब में पाक के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है। चंडीगढ़ में कार्यक्रम से अलग बीएस धनोआ से बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी को पैदा हालातों के बारे में सवाल किया जा रहा था।
इस वर्ष सितंबर में मिलेगा पहला राफेल
आईएएफ को पहला राफेल जेट इस वर्ष सितंबर में मिलेगा। फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने इसे आईएएफ की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया है। भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल जेट की डील की है। भारत ने 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को एयर स्ट्राइक की थी। यह स्ट्राइक जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों पर हुई थी। 27 फरवरी के पाक के 24 जेट्स भारत की सीमा में दाखिल हुए थे। कई मिलिट्री विशेषज्ञ यह बात कह चुके हैं कि अगर आईएएफ के पास राफेल होता तो शायद हालात 27 फरवरी को कुछ और होते।
मिसाइल की वजह से खतरनाक है राफेल
राफेल जेट जो आईएएफ को मिलेगा वह मेटीओर मिसाइल से लैस है। हवा से हवा में मार कर सकने वाली यह मिसाइल 150 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद दुश्मन के किसी भी फाइटर जेट को गिराने की ताकत रखती है। एयर चीफ मार्शल धनोआ की मानें तो वर्तमान समय में राफेल हथियारों की क्षमताओं में भारतीय उप-महाद्वीप में बेस्ट एयरक्राफ्ट होने वाला है। इस तरह का एयरक्राफ्ट अभी चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं है।
चिनुक से दुश्मन रहे सावधान
एयरचीफ मार्शल धनोआ ने चिनुक हेलीकॉप्टर्स के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा चिनुक ऊंचाई वाले वॉर जोन में ट्रूप्स को आसानी से ट्रांसफर कर सकता है। इसकी यही ताकत इसे खास बना देती है। उन्होंने कहा कि अगर दुश्मन यह सोचे कि वह कश्मीर घाटी में अब हमें चौंका सकता है तो ऐसा नहीं हो सकता है। चिनुक के आने के बाद आसानी से और तेजी से ट्रूप्स को उस जगह पर लेकर जाया जा सकता है जहां पर युद्ध की संभावना है। इस काम को अब रात में भी अंजाम दिया जा सकेगा।