इजराइल से स्पाइस बम खरीदेगी वायुसेना, बालाकोट एयर स्ट्राइक में में हुआ था इस्तेमाल
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने इजराइल के साथ 300 करोड़ रूपये का रक्षा सौदा किया है। वायुसेना इजराइल से 100 से अधिक स्पाइस बम ( SPICE BOMBS)खरीदेगा। भारत और इजराइल के बीच इसके लिए 300 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है। ये वो ही बम है, जिसका इस्तेमाल बालाकोट एयर स्ट्राइक में वायुसेना ने किया था। इससे पहले भारत अपनी सेना की सामरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए आधुनिक पिस्टल को खरीदने की सौदा कर चुका है।
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स्पाइस बम खरीदेगी वायुसेना
भारत ने अपनी सामरिक शक्ति में इजाफा करने के लिए सौदा किया है। वायुसेना ने इसी के तहत 300 करोड़ रुपये के स्पाइस बम खरीदने का फैसला किया है। इससे साफ है कि भारत पाकिस्तान को ये संदेश देना चाहता है कि वो आगे भी कठोर कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा। 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सीखाने के लिए एयर स्ट्राइक की थी।
बालाकोट एयर स्ट्राइक में हुआ इस्तेमाल
भारतीय वायुसेना ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। वायुसेना ने 26 फरवरी को इस एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था। इसमें जैश ए मोहम्मद के कई आतंकी मारे गए थे और जैश ए मोहम्मद का ठिकाना तबाह हो गया था। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के मदरसे तालीम-उल-कुरान की चार इमारतों को नुकसान पहुंचा था। इन्हें भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 फाइट जेट्स ने 5 S-2000 प्रिसिजन गांइडेंस के जरिए नष्ट किया गया। ये इमारतें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा चलाए जा रहे मदरसे के परिसर में थी।
स्पाइस बम की खासियत
वायुसेना ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में स्पाइस बम का इस्तेमाल किया था। ये बम इमारत को नष्ट नहीं करते हैं बल्कि इमारत में घुसने के बाद भी नुकसान करते हैं। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि S-2000 बेहद सटीक, जैमर-प्रूफ बम है जो घने बादलों में भी काम करता है। यह पहले छत के जरिए भीतर घुसता है, फिर कुछ देर के बाद विस्फोट होता है। यह बम कमांड और कंट्रोल सेंटर उड़ाने के लिए यूज होता है और इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाता। सॉफ्टवेयर में छत किस प्रकार की है- उसकी मोटाई, मैटीरियल क्या है, यह फीड करना पड़ता है। इसी के हिसाब से PGM कितनी देर बाद फटेगा, यह तय किया जाता है।