Indian Air Force ने 2000 वायुसैनिकों को भेजा फील्ड ड्यूटी पर, जानें क्यों
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने अपनी फाइटर स्क्वाड्रन में 20 प्रतिशत तक का इजाफा किया है। आईएएफ की तरफ से यह कदम ऑपरेशन से जुड़े काम को बेहतर ढंग से करने के मकसद से उठाया है। न्यूज एएनआई की ओर से दी गई जानकारी दी गई है कि लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आईएएफ ने कमांड हेडक्वार्टर में तैनात 2,000 वायुसैनिकों को फील्ड ड्यूटी पर भेज दिया है। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि आईएएफ के इस फैसले से वायुसेना की क्षमता में 20% का इजाफा हुआ है।
युद्ध क्षमता बढ़ाने में लगी है IAF
वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि इन वायुसैनिकों की फील्ड में तैनाती से फ्लाइट ऑपरेशन पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगे। वायुसेना लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया खुद इस काम को देख रहे हैं। साल 2019 में हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से ही वायुसेना अपनी युद्ध क्षमता बढ़ाने में जुटी है। हथियारों के अलावा जरूरी साजो-सामान की खरीदी की गई है। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और हवा से जमीन पर हमला करने वाला वेपन सिस्टम, स्पाइस-2000 बम और स्ट्रम एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल शामिल हैं। तमिलनाडु के तंजावुर में पहली फाइटर जेट स्क्वाड्रन तैनात की गई है। इसमें सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट शामिल किए गए हैं। वायुसेना का कहना है कि हिंद महासागर की निगरानी में ये बेहद अहम किरदार अदा करेंगे। इसके अलावा नौसेना और वायुसेना को भी इससे मदद मिलेगी। ये सभी सुखोई ब्रह्मोस से लैस हैं। तमिलनाडु के सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर जुलाई 2018 में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की स्क्वाड्रन नंबर 45 फ्लाइंग डैगर्स की तैनाती की गई। यह तेजस उड़ाने वाली पहली स्क्वाड्रन है।