भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा ग्लोबल वॉर्मिंग, इसके चलते 2070 तक पड़ेगी 8 महीने की गर्मी
तापामन में हर साल बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो आने वाले सालों में ये और बढ़ने वाली है। साल 2070 तक भारत में गर्मियों का सीजन 8 महीने का हो जाएगा।
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नई दिल्ली। दुनियाभर में ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जनवरी के महीने में ऑस्ट्रेलिया में जहां गर्मी से तापमान 47 डिग्री पहुंच गया तो कनाडा में नियाग्रा फॉल्स ठंड से जम गया है। भारत की ही बात करें तो हर साल मौसम में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। तापामन में हर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो आने वाले सालों में ये और बढ़ने वाली है। साल 2070 तक भारत में गर्मियों का सीजन 8 महीने का हो जाएगा।
शोध ने किया दावा, 8 महीने की होगी गर्मी
फिलहाल भारत में गर्मी का मौसम मई से लेकर सितंबर तक पड़ता है। इन पांच महीनों में भयंकर गर्मी पड़ती है। साल 2070 तक ये गर्मी का मौसम आठ महीने का हो जाएगा। Environmental Research Letters जर्नल में छपे एक शोध में इस बात का दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि इंडो-गैगनाटिक प्लेन में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा।
गर्मी के साथ-साथ बढ़ेगी उमस
शोध में कहा गया है कि जिस हिसाब से गर्मी में हर साल बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है, उससे वैश्विक तापमान के 2 डिग्री सेल्सियत तक बढ़ने के आसार हैं। जिस तरह से गर्मी बढ़ेगी, वैसे ही मौसम में उमस भी बढ़ेगी। गर्मी और उमस के संयुक्त वैज्ञानिक मापने को वेट-बल्ब टेंपरेचर कहा जाता है जो 1985 से 2005 तक 32 डिग्री सेल्सियस से नहीं बढ़ा।
कई बीमारियों भी होंगी उत्पन्न
शोध के अनुसार तापमान बढ़ना समाज के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक होगा। गरीब, बाहर नौकरी करने वालों, कार्डियोवास्कुलर और सांस से संबंधित बीमारी वाले लोग सबसे ज्यादा इसकी चपेट में होंगे। इससे नई बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।
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