26/11 के बाद पाक पर हमले की तैयारी कर चुका था भारत!
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब 'नाइदर ए हॉक नॉर ए डव,' भारत और पाकिस्तान के बीच व्याप्त संबंधों पर कई तरह से रोशनी डाल रही है। कई रोचक किस्से भी सामने आ रहे हैं। इनमें से ही एक है भारत का पाकिस्तान पर हमला करने की तैयारी कर लेना।
लश्कर पर हमले की थी तैयारी
कसूरी ने अपनी इस किताब में दावा किया है कि मुंबई में 26/11 हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान पर हवाई हमला कर वहां मौजूद आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (जेयूडी) को खत्म करने की पूरी तैयारी कर चुका था।
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कसूरी जब अपनी इस किताब की लांचिंग के लिए भारत आए तो वह यहां के मीडिया से भी मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने इस बात का खुलासा कि कैसे अमेरिकी सांसदों ने इस मसले पर उनसे मुलाकात की और उनसे इस मामले पर राय मांगी थी।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का हेड क्वार्टर है और यह हमले में भारत का सबसे बड़ा टारगेट था।
अमेरिकी सीनेटर मैक्केन ने मांगी थी राय
कसूरी ने अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन के हवाले से लिखा है, 'हम भारत से पाकिस्तान आए हैं जहां पर हमलों के बाद लोगों में काफी गुस्सा है। ऐसा लग रहा है कि भारत जेयूडी और लश्कर के मुरीदके के हेडक्वार्टर पर हमला करने की तैयारी कर रहा है।'
जो डेलीगेशन मैक्केन के साथ भारत आया था उसमें रिपब्लिकल सीनेटर लिंडसे ग्राहम और अमेरिकी के अफगानिस्तान और पाकिस्तान के खास ऑफिसर रिचर्ड हेलब्रूक उसमें शामिल थे।
मैक्केन ने कसूरी से पूछा था कि अगर भारत की ओर से किसी तरह का हमला होता है तो क्या कि पाक की सेना इस हमले का सही जवाब दे पाने में सक्षम है। इसके बाद कसूरी ने मैक्केन से कहा था कि वह पेंटागन से कहें कि इस बाबत पाक सेना से सीधी वार्ता करे।
कसूरी की यह किताब पाक में पिछले माह लांच हो चुकी है। कसूरी ने अपनी इस किताब में यह दावा भी किया है कि पाक की सेना और आईएसआई हमेशा दोनों देशों के बीच शांति, दोस्ती और सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती है।
आईएसआईए को बताया शांति का समर्थक
वह लिखते हैं कि पाक ने कभी भी देशों को बांटने की विचारधारा का समर्थन नहीं किया है। वह सिर्फ कश्मीरियों के हित की बात करता है। उनका कहना है कि कश्मीर की आवाम चाहती है कि यहां से सेना हट जाए।
कसूरी की इस किताब में भारत और पाक के बीच वर्ष 2002 से 2007 तक कश्मीर के मुद्दे को लेकर जितनी भी प्रकियाएं हुई हैं उनका भी जिक्र किया गया है।