भागवत के बयान पर भड़के ओवैसी, कहा-भारत ना कभी हिंदू राष्ट्र था, ना है और ना कभी बनेगा
हैदराबाद। भुवनेश्वर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शीर्ष बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत के भारत हिंदू राष्ट्र वाले बयान पर अब सियासत गरमा गई है। भागवत के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है। भागवत के भारत को हिंदू राष्ट्र बताने पर ओवैसी ने कहा कि भारत ना कभी हिंदू राष्ट्र था और ना ही कभी बनेगा।
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भागवत के बयान पर भड़ते ओवैसी
ओवैसी ने रविवार को ट्वीट किया,'भागवत हिंदू नाम लिखकर यहां मेरा इतिहास मिटा नहीं सकते हैं। यह काम नहीं करेगा। वह यह नहीं कह सकते कि हमारी संस्कृति, श्रद्धा और पहचान हिंदुओं से जुड़ी हुई हैं। भारत ना कभी हिंदू राष्ट्र था, ना है और ना ही कभी बनेगा इंशाल्लाह।'
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हिंदू एक संस्कृति का नाम है: भागवत
मालूम हो कि शनिवार को भुवनेश्वर में एक बुद्धजीवी सम्मेलन को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि हम हिंदुओं के देश हैं, हिंदू राष्ट्र हैं, हिंदू किसी पूजा का नाम नहीं, भाषा का नाम नहीं, किसी प्रांत प्रदेश का नाम नहीं। हिंदू एक संस्कृति का नाम है जो भारत में रहने वाली सबकी सांस्कृतिक विरासत है, वह संस्कृति एक वैशिष्टपूर्ण विविधता को स्वीकार और सम्मान करने वाली संस्कृति है और दुनिया में एकमात्र ऐसी संस्कृति है।
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'संघ को किसी से नफरत नहीं'
भागवत ने कहा था कि संघ को किसी से नफरत नहीं है और ना ही वो नफरत की पैरवी करता है, हमारे संगठन का मकसद सिर्फ और सिर्फ भारत में परिवर्तन के लिए सभी समुदायों को संगठित करने का है, हम एकता, प्रेम और शांति पर भरोसा करते हैं, हमारी नजर में सारे धर्म बराबर हैं और हम सबकी इज्जत भी करते हैं।
'मुस्लिम,
पारसी
सब
भारत
में
खुद
को
सुरक्षित
समझते
हैं'
भारत की विविधता की तारीफ करते हुए भागवत ने कहा कि इसने देश को एक डोर में बांधा हुआ है, यहां के लोग विविध संस्कृति, भाषा और भौगोलिक स्थानों के बावजूद खुद को भारतीय मानते हैं। इस अद्वितीय अहसास के कारण मुस्लिम, पारसी या अन्य मजहबों में विश्वास रखने वाले लोग खुद को यहां सुरक्षित समझते हैं।
'हम सबको साथ में लेकर चलने में भरोसा रखते हैं'
यहूदी मारे-मारे फिरते थे अकेला भारत है जहां उनको आश्रय मिला हुआ है, वो यहां सम्मानपूर्वक जी रहे हैं, पारसियन (पारसी) की पूजा और मूल धर्म केवल भारत में सुरक्षित हैं, विश्व के सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में मिलेंगे, ये क्यों है? क्योंकि हम हिंदू हैं, हम सबको साथ में लेकर चलने में भरोसा रखते हैं।