India-US 2+2 talk:अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो और रक्षा मंत्री का आज भारत दौरा, 2+2 वार्ता में होंगे शामिल
India-US 2+2 talk:अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो और रक्षा मंत्री का आज भारत दौरा, 2+2 वार्ता में होंगे शामिल
नई दिल्ली: India-US 2+2 ministerial meeting: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर (Mark Esper) आज ( 26 अक्टूबर) भारत आएंगे। यहां दोनों मंत्री 2+2 मंत्री स्तरीय बैठक में सोमवार को हिस्सा लेंगे। ये बैठक नई दिल्ली में होने वाली है। भारत की ओर से इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) हिस्सा लेंगे। माइक पोम्पियो और मार्क एस्पर से पीएम मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिल सकते हैं।
Recommended Video
भारत के लिए रवाना होने से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट किया, 'भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया के लिए मेरी यात्रा शुरू हो गई है। स्वतंत्र, मजबूत और समृद्ध राष्ट्रों से बने Indo Pacific क्षेत्र में साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए हमारे पार्टनर के साथ जुड़ने के इस अवसर के लिए आभारी हूं।
Wheels up for my trip to India, Sri Lanka, Maldives, and Indonesia. Grateful for the opportunity to connect with our partners to promote a shared vision for a free and open Indo-Pacific composed of independent, strong, and prosperous nations: US Secretary of State, Mike Pompeo pic.twitter.com/Ugx8KZ92Ae
— ANI (@ANI) October 25, 2020
BECA समझौते पर लगेगी मुहर
2+2 वार्ता में भारत और अमेरिका के बीच बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पेशियल कोऑपरेशन (BECA) पर हस्ताक्षर होंगे। काफी वक्त से BECA समझौते पर मुहर लगाने की कोशिश की जा रही थी। इस समझौता के होने के बाद भारत को सटीक जियोस्पेशियल डेटा मिलेगा। जिसका इस्तेमाल सेना की बेहतरी में किया जाएगा।
चीन पर होगी 2+2 वार्ता में चर्चा
भारत-अमेरिका की 2+2 वार्ता में चीन की आक्रामता को लेकर चर्चा होगी। भारत अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता का ये तीसरा संस्करण है। दोनों देशों के बीच आद कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। जिसमें चीन अहम मुद्दा होगा। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी और पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ कंट्रोल पर चीन का रैवाये के पक्ष में अमेरिका नहीं है। अमेरिकी की डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चीन की कई बार इस मामले में आलोचना की है।