मालदीव में इंफ्रा प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ डॉलर खर्च करेगा भारत, कई और प्रोजेक्ट की हुई घोषणा
नई दिल्ली। भारत सरकार ने पड़ोसी मुल्क मालदीव में इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ डॉलर खर्च करने का ऐलान किया है। गुरूवार को सरकार ने मालदीव में ग्रेटर कनेक्टविटी के लिए कई ऐसे प्रोजेक्ट की घोषणा की है। इसके तहत ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के बेहतर कार्यान्वयन के लिए भारत मालदीव को 10 करोड़ डॉलर का अनुदान के तौर पर देगा और 40 करोड़डॉलर नई लाइन ऑफ क्रेडिट के वित्तीय पैकेज के जरिए देगा।
इस
समझौते
से
अब
आसानी
से
UK,
US,
कनाडा
और
UAE
यात्रा
कर
सकेंगे
भारतीय?
विदेश मंत्री ने बताया कि यह मालदीव की सबसे बड़ी परियोजना होगी
इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि यह मालदीव की सबसे बड़ी परियोजना होगी, जिसमें तीन पड़ोसी द्वीपों विलिंगिली, गुलहिफाहु और थिलाफुशी को जोड़ने के लिए 6.7 किलोमीटर का ब्रिज बनाया जाएगा। विलिंगिली और गुलहिफाहु में भारत अपनी सीमा के अंदर बंदरगाह का निर्माण कर रहा है, जबकि थिलाफुशी एक नए औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित हो रहा है।
चार द्वीपों को जोड़ने के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी
माना जा रहा कि एक बार चारों द्वीपों को जोड़ने का काम पूरा हो जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे रोजगार के नए अवसर बनेंगे। साथ ही, माले क्षेत्र में शहरी विकास को बल मिलेगा। अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोलीह के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के संबंधों मे सुधार हुआ है। सोलीह और उनकी सरकार मे इंडिया फर्स्ट की नीति पर काम किया है।
मालदीव को त्वरित मदद पहुंचाने के लिए 25 करोड़ डॉलर वित्तीय सहायता
कोविड-19 के कारण समस्याओं का सामना कर रहे मालदीव को त्वरित मदद पहुंचाने के लिए भारत ने 25 करोड़ डॉलर वित्तीय सहायता विस्तार की घोषणा भी की है। इसके साथ ही भारत और मालदीव के बीच कार्गो फेरी सेवा शुरू करने की घोषणा की गई हैं।
मालदीव पहला पड़ोसी देश है, जिसके साथ एयर बबल संचालन शुरू हुआ
मालदीव भारत का पहला पड़ोसी देश है, जिसके साथ एयर बबल संचालन किया जा रहा है। इसके तहत दोनों देशों के विमान एक दूसरे देशों में बिना किसी रोक टोक के आ जा सकेंगे। मालदीव के साथ एयर बबल को बढ़ाना भारतीय समर्थन का प्रतीक माना जा रहा है, लेकिन दोनों ही देशों में स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा।