700 अफगानी सिख-हिंदुओं को शरण देगा भारत, दिल्ली बसाने की योजना
नई दिल्ली। शीर्ष सूत्रों का कहना है कि अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारतीय गृह मंत्रालय ने पड़ोसी देश में उत्पीड़न का सामना कर रहे अफगान सिखों और हिंदुओं को आश्रय देने का फैसला किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि, भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा खतरों का सामना कर रहे अफगान हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों की भारत में वापसी की सुविधा देने का फैसला किया है।
सूत्रों की मानें तो भारत करीब 700 सिखों और हिंदुओं को दिल्ली आने की इजाजत देगा। सूत्रों की मानें, तो भारत सरकार की ओर से जल्द ही इन सभी के दिल्ली आने की व्यवस्था की जाएगी। जिसके बाद सभी को लंबे वक्त के लिए वीजा दिया जा सकता है। भारत सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि, गृह मंत्रालय ने अफगान सिखों और हिंदुओं को दीर्घकालिक वीजा प्रदान करने की मंजूरी दे दी है। जो हम आमतौर पर सताए गए अल्पसंख्यकों को दिया जाता है।
शुरआत में 700 लोग भारत लाए जाएंगे, जिन्हें सरकार की ओर से चिन्हित किया है। उन्हें 15 अगस्त से पहले भारत लाने और बाकी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कहा गया है। आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में अफगानिस्तान में सिख नेताओं और हिंदू मूल के नेताओं को निशाना बनाया गया है।यहां एक अफगानी सिख नेता को अगवा कर लिया गया था, जिसके बाद से ही सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही थीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल स्थित भारतीय दूतावास में सिख समुदाय के सदस्यों के 600 से अधिक आवेदन लंबित हैं। जो भारत सरकार से अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन सभी ने हाल ही में काबुल में गुरुद्वारों में हो रही हत्याओं के बाद भारत में शरण लेने की अर्जी दाखिल की है। मार्च में अफगानिस्तान में रह रहे हिंदुओं और सिखों पर हमला किया गया था। काबुल में एक सिख मंदिर के पास रहने वाले 63 वर्षीय लाला शेर सिंह ने कहा कि समुदाय इस कदर डरा हुआ है कि कहीं उनके ऊपर फिर से हमला न कर दिया जाए।
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