आतंकवाद और खतरों से निपटने के लिए देश को आज मिलेगी पहली महिला SWAT टीम, जानिए 5 बड़ी बातें
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली को पहली महिला स्वाट (Special Weapons and Tactics) टीम मिलने जा रही है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को आधिकारिक रूप से दिल्ली पुलिस में महिला स्वाट टीम को शामिल करेंगे। ये सभी 36 महिलाएं देश के नॉर्थ ईस्ट राज्यों से हैं, जिन्हें भारत और विदेशी विशेषज्ञों से स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। पुलिस में महिला स्वाट टीम को शामिल करना, पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक की दिमागी उपज है, जिन्हें 15 माह की लंबी ट्रेनिंग के बाद तैयार किया गया है।
1.देश की पहली महिला स्वाट टीम के लिए नॉर्थ ईस्ट की बहादुर महिलाओं को चुना गया है, जिनमें से 13 असम से हैं, अरुणाचल प्रदेश से 5, सिक्किम से 5, मणिपुर से 5, मेघालय से 4, नागालैंड से 2 और मिजोरम और त्रिपुरा से 1-1 शामिल है।
2. पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में आतंकवादी हमलों और बंधक संकटों को संभालने की बात आने पर ये महिलाएं किसी दूसरों से कम नहीं हैं। यहां तक कि उन्हें झारोदा कलान में पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में उनके ट्रेनर्स ने उन्हें उनके पुरुष समकक्षों से बेहतर रेटिंग दी थी।
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3. यह महिला कमांडो टीम शहरी परिस्थितियों के साथ-साथ जंगल ऑपरेशन को संभालने के लिए ट्रेनिंग ले चुकी है। साथ ही इन्हें इजरायली कर्व मागा की ट्रेनिंग दी गई है, हथियार रहित होने पर लड़ाई का एक तरीका है। इसके अलावा, एमपी5 सबमशीन गन और जीलॉक 21 पिस्टल की एक्सपर्ट ट्रेनिंग भी दी गई है।
4. बता दें कि ज्यादातर पश्चिमी देशों में महिला स्वाट टीम नहीं है, ऐसे में भारत में इसे एक बड़ी सफलता के रूप में माना जा रहा। नॉर्थ ईस्ट की भाषा बाधक न बने, इसलिए एक इंस्ट्रक्टर को भी टीम में शामिल किया गया है।
5. भारत की पहली महिला स्वाट का जिम्मा इस बार 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा पर भी रहेगा, जब वे लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे।
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