चालाक चीन ने भारत से उसकी ही जमीन खाली करने को कहा, जवाब मिला- ऐसा तो हरगिज नहीं होगा
नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच रविवार को पांचवें दौर की कोर कमांडर की वार्ता लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के भारत वाले हिस्से में मोल्डो में हुई। 10 घंटे तक चली इस वार्ता के दो दिन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल की अध्यक्षता वाले चाइना स्टडी ग्रुप (सीएसजी) ने इस मीटिंग के बारे में जानकारी ली। मंगलवार को ग्रुप ने चीन के उस प्रस्ताव का जायजा लिया जिसमें भारतीय सेना को 'आपसी और समान' डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत पैंगोंग त्सो वाले हिस्से को खाली करने को कहा गया था। भारत ने चीन के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। चीन को स्पष्ट कर दिया गया है कि उसका यह प्रस्ताव किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
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10 घंटे की वार्ता बेनतीजा
दो अगस्त को मोल्डो में सुबह 11 बजे शुरू वार्ता रात 9:30 बजे खत्म हो सकी थी। 10 घंटे की इस वार्ता में एक बार फिर पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का अड़ियल रवैया देखने को मिला है। इस बार कोर कमांडर वार्ता पर न तो विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई बयान आया और ना ही सेना की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी की गई। इससे पहले जो चार मीटिंग्स हुईं थी उसमें आधिकारिक बयान जारी किया गया था। एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से बताया गया है कि अब इस बात की संभावना है कि राजनयिक वार्ता स्पेशल रिप्रजेंटेटिव्स (एसआर) मैकेनिज्म के तहत हो सकती है। सूत्रउें की तरफ से बताया गया है कि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 17, पीपी 15, पीपी 14 और पीपी17A पर पूरी हो चुकी है। यहां पर प्रक्रिया 'आपसी और समान' सिद्धांत के आधार पर हुई और टकराव वाले बिंदुओं से सैनिक पीछे हट गए हैं।
फिंगर एरिया नहीं खाली कर रहा चीन
सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना, पैंगोंग के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर 4 और फिंगर 5 से पीछे हट गई थी। यहां तक कि भारत की तरफ से भी फिंगर 2 से कुछ दूरी तक पीछे हटने पर रजामंदी जताई गई थी। लेकिन भारत का मानना है कि अब अगर और पीछे हटते हैं तो इसका मतलब भारतीय पोस्ट्स को खाली करना होगा और इस बात पर सेना बिल्कुल भी तैयार नहीं है। सेना इसे एक अस्वीकार्य फैसला करार दे रही है। चीन की सेनाएं पैंगोंग के उत्तरी किनारे पर स्थित चोटियों से भी पीछे नहीं हट रही हैं। भारत मानता है कि एलएसी फिंगर 8 तक और मई माह से ही चीन की सेनाएं फिंगर 8 के पूर्व में आठ किलोमीटर अंदर तक दाखिल हो चुकी हैं। पिछले तीन हफ्तों में उन्होंने अपनी तैनाती भी बढ़ा दी है।