परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-5 का सफल परीक्षण, चीन के उत्तरी हिस्से को विनाश करने में सक्षम मिसाइल
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भुवनेश्वर। ओडिशा के तट से भारत ने एक और कामयाबी हासिल करते हुए गुरुवार को अग्नि 5 का सफल परीक्षण कर दिया है। ओडिसा के अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि 5 को लॉन्च किया गया। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) की मारक क्षमता 5 हजार किलोमीटर की है। यह मिसाइल चीन के सुदूर उत्तरी प्रांतों पर भी पहुंच बनाकर हमला कर सकती है। यह मिसाइल चीन के उत्तरी प्रांतों पर भी पहुंच बनाकर हमला करने में सक्षम है।
DRDO ने तैयार की अग्नि 5
अग्नि-5 मिसाइल को डिआरडीओ ने तैयार की है। पृथ्वी और धनुष जैसी कम दूरी तक हमला करने में सक्षम मिसाइलों के अलावा भारत के बेड़े में अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें हैं, जिन्हें पाकिस्तान को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। अंतिम बार अग्नि मिसाइल का परीक्षण 26 दिसंबर 2016 को किया गया था, तब कहा गया था कि यह थ्री स्टेज मिसाइल का फॉर्थ और फाइनल एक्सपेरिमेंटल है।
अग्नि-5 की स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा
इस मिसाइल का पहली बार टेस्ट अप्रैल 2012 में और दूसरी बार सितंबर 2013 में किया गया था। वही, इस आधुनिक मिसाइल का चौथा और पांचवा परीक्षण जनवरी 2015 और दिसंबर 2016 में किया था। अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर और चोड़ाई 2 मीटर है। इसका वजन 50 टन और यह डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है। इसकी स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है।
अग्नि-5 ले सुपर-एक्सक्लूजीव क्लब में शामिल होगा भारत
एक बार अग्नि-5 इंडियन वेपन्स में शामिल हो जाने के बाद, भारत भी अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूके के साथ आईसीबीएम (5000 से अधिक 5,500 किलोमीटर की दूरी के साथ मिसाइल) वाले देशों के सुपर-एक्सक्लूजीव क्लब में शामिल हो जाएगा। पृथ्वी और धनुष जैसे छोटी रेंज वाले मिसाइल के अलावा स्ट्रैटजिक फॉर्सेस कमांड ने अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइले बहुत पहले ही तैयार कर दी थी। इस बार डीआरडीओ ने अग्नि-5 को चीन के खतरों से निपचटने के लिए खास तौर से इस अत्याधुनिक मिसाइल को तैयार किया गया है।