45 दिन में भारत ने किए 12 मिसाइलों के टेस्ट, चीन और पाक को दिया सख्त संदेश
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच गुरुवार को वारहेड के साथ 'नाग' एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के अंतिम चरण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। भारत ने पिछले 45 दिनों में 12 मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। भारत की ओर से चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। बता दें कि, डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) पहले ही कह चुका है कि भारतीय सेनाएं, जैसी मिसाइलें चाहेंगीं, हम बनाकर देंगे। सीमा पार जारी तनाव के बीच इन मिसाइलों का परीक्षण खासा अहम माना जा रहा है। आईए हम आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं 45 दिनों में किए गए 12 मिसाइलों के परीक्षण....
HSTDV का परीक्षण
7 सितंबर: स्वदेशी रूप से विकसित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का परीक्षण ओडिशा के तट से किया गया। यह क्रूज मिसाइलों और लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों के लिए आवश्यक है। परीक्षण ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम लॉन्च कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया गया था।
ABHYAS का सफल परीक्षण
22 सितंबर: ABHYAS - हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) व्हीकल्सः का ओडिशा के तट से परीक्षण किया गया। इनका इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है।
लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल (ATGM) का सफल परीक्षण
22 सितंबर: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल (ATGM) का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण अहमदनगर की केके रेंज्स में MBT अर्जुन टैंक से 22 सितंबर को किया गया। लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल ने परीक्षण में तीन किलोमीटर की दूरी से अपने लक्ष्य की ध्वस्त कर दिया। यह मिसाइल लेजर डेजिग्नेशन की मदद से अपने लक्ष्य को लॉक और ट्रैक करती है। इससे यह मिसाइल अपने लक्ष्य को सटीक रूप से भेदने को सुनिश्चित करती है।
पृथ्वी-2 का परीक्षण ओडिशा के बालासोर से किया गया
24 सितंबर: पृथ्वी-2 का परीक्षण ओडिशा के बालासोर से किया गया। यह एक स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु सक्षम सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जो डीआरडीओ के अनुसार अपने लक्ष्य को हिट करने के लिए पैंतरेबाज़ी के साथ एक एडवांस्ड इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम का इस्तेमाल करती है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली इस मिसाइल को आईटीआर के प्रक्षेपण परिसर-3 से एक मोबाइल लॉन्चर से दागा गया
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल टेस्ट
30 सितंबर: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की एक्सटेंडेड रेंज का ओडिशा में जमीनी केंद्र से परीक्षण किया गया। भारतीय सेना ने भी ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी तीन रेजिमेंट में शामिल किया हुआ है, यानी अगर दुश्मन कुछ गुस्ताखी करता है तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा। इसकी मारक क्षमता लगभग 400 किलोमीटर तक है। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि सतह से सतह पर मार करने वाली यह क्रूज मिसाइल स्वदेशी बूस्टर और ‘एअरफ्रेम' के साथ भारत में निर्मित अन्य उप-प्रणालियों जैसी विशिष्टताओं से लैस है।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण
1 अक्टूबर: यह परीक्षण अहमदनगर में स्थित केके रेंज में एमबीटी अर्जुन से किया गया था। इस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण 22 सितंबर को हुए सफल ट्रायल को जारी रखते हुए किया गया। एटीजीएम को कई प्लेटफॉर्म से लांच करने की क्षमता के साथ बनाया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन के 120 एमएम राइफल से इसका तकनीकी परीक्षण जारी है। अर्जुन डीआरडीओ की तरफ से विकसित तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है।
‘शौर्य' मिसाइल का सफल परीक्षण
3 अक्टूबर: भारत ने देश में विकसित, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और आवाज की गति से भी तेज चलने वाली ‘शौर्य' मिसाइल का ओडिशा के परीक्षण रेंज से शनिवार को सफल परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल की मारक क्षमता 700 किलोमीटर से 1,000 किलोमीटर के बीच है और यह 200 किलोग्राम से 1,000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल भारत की के-15 मिसाइल का भूमि संस्करण है।
5
अक्टूबर:
भारत
ने
पनडुब्बी-रोधी
युद्ध
विकसित
किया
और
सफलतापूर्वक
परीक्षण-अग्नि
स्वदेशी
रूप
से
विकसित
SMART
टारपीडो
प्रणाली
का
विकास
किया,
जो
कि
टारपीडो
रेंज
से
परे
एंटी-सबमरीन
वारफेयर
(ASW)
संचालन
के
लिए
आवश्यक
है।
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विकिरण रोधी मिसाइल रुद्रम-1
9 अक्टूबर: भारत ने शुक्रवार को नयी पीढ़ी की विकिरण रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो भारतीय वायुसेना के रणनीतिक अस्त्र-शस्त्र भंडार में शामिल होगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत की पहली स्वदेश निर्मित विकिरण रोधी मिसाइल रुद्रम-1 की गति मैक दो या ध्वनि की गति से दोगुनी है। अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल जब वायुसेना में शामिल होने के लिए तैयार होगी तो इसे सुखोई लड़ाकू विमानों के साथ जोड़ा जा सकता है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
18 अक्टूबर: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एक नौसैनिक संस्करण स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से फायर की गई। रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ''ब्रह्मोस 'प्रमुख हमलावर शस्त्र के रूप में लंबी दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेद कर युद्ध पोत की अपराजेयता को सुनिश्चित करेगा, इस तरह विध्वंसक युद्ध पोत भारतीय नौसेना का एक और घातक प्लेटफार्म बन जाएगा।''ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत-रूस का संयुक्त उद्यम है। यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन कर रहा है, जो पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से दागी जा सकती हैं।
एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल - नाग
22 अक्टूबर:भारत ने गुरुवार को एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल - नाग - का अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इस मिसाइल को जल्द ही भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा। 2008 में, रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए 300 नाग मिसाइलों और 25 मिसाइल वाहकों की खरीद की मंजूरी दी थी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बताया कि परीक्षण सुबह 6.45 बजे राजस्थान के पोखरण क्षेत्र फायरिंग रेंज में किया गया। मिसाइल को वास्तविक वारहेड के साथ एकीकृत किया गया था और एक टैंक लक्ष्य निर्धारित सीमा पर रखा गया था। यह नाग मिसाइल कैरियर नामिका (एनएएमआईसीए) से लॉन्च किया गया। डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया यह मिसाइल दिन और रात में दुश्मन टैंकों के साथ लड़ने में सक्षम है। नाग मिसाइल वाहक नामिका एक इन्फैन्ट्री कॉम्बैट व्हीकल बीएमपी2 आधारित प्रणाली है। अब यह उत्पादन चरण में प्रवेश करेगा।
लॉन्च की दमदार एंटी-शिप मिसाइल
23 अक्टूबर: भारतीय नौसेना ने मिसाइल कोर्वेट जहाज आईएनएस प्रबल द्वारा लॉन्च की गई एंटी-शिप मिसाइल (AShM) का प्रदर्शन किया और अपनी ताकत को दिखाया। भारतीय नौसेना ने बताया कि इस एंटी-शिप मिसाइल ने अधिकतम सीमा पर बेहद सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को निशाना बनाया। जिससे लक्ष्य बनाया गया जहाज नष्ट होकर पानी में डूब गया।
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