भारत ने इस्लामाबाद में अपने राजनयिकों को दी हिदायत, जरूरी हो तभी बाहर निकलें
पाकिस्तान से लगातार भारतीय राजनयिकों, स्टाफ और उनके परिवार को परेशान करने वाली खबरों के बीच ही भारत ने इस्लामाबाद में अपने राजनयिकों, हाई कमीशन के स्टाफ और उनके परिवार वालों को हिदायत दी है कि वह परिसर छोड़कर बाहर न जाएं। भारत ने कहा है कि अगर कोई बहुत जरूरी काम हो तभी परिसर से बाहर निकलें।
नई दिल्ली। पाकिस्तान से लगातार भारतीय राजनयिकों, स्टाफ और उनके परिवार को परेशान करने वाली खबरों के बीच ही भारत ने इस्लामाबाद में अपने राजनयिकों, हाई कमीशन के स्टाफ और उनके परिवार वालों को हिदायत दी है कि वह परिसर छोड़कर बाहर न जाएं। भारत ने कहा है कि अगर कोई बहुत जरूरी काम हो तभी परिसर से बाहर निकलें। इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। भारत ने इसके साथ ही अपने राजनयिकों को कहा है कि वे सिर्फ उन गाड़ियों का प्रयोग करें जिस पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी है और किसी भी प्राइवेट गाड़ी का प्रयोग करने से बचें। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने गुरुवार को अपने उच्चायुक्त सुहैल महमूद को वापस बुला लिया है।
पाकिस्तान सुरक्षा सुनिश्चित करे
भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान से कहा है कि वह इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत और पाकिस्तान पिछले कुछ समय से अपने-अपने राजनयिकों को परेशान करने के आरोप एक-दूसरे पर लगा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग कई मुद्दों का सामना कर रहा है और ऐसे में भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह एक सिस्टम के जरिए इन मुद्दों का समाधान करे। रवीश कुमार ने कहा, 'हम चाहते हैं कि पाकिस्तान उन मुद्दों को जल्द से जल्द हल करे जिनका सामना स्टाफ कर रहा है और उसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करे।' पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से भारत में उच्चायोग सुहैल महमूद को वापस बुलाने के मुद्दे पर आधिकारिक बयान दिया गया था। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारत पर आरोप लगाया था और कहा था कि भारत इस मामले पर कुछ भी नहीं कर रहा है और लगातार अधिकारियों का उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है। फैसल ने कहा कि भारत से उच्चायुक्त को बैठक के लिए बुलाया गया है। फैसल का आरोप है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के राजनियकों और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि पाक सरकार की ओर से कई बार भारत के विदेश मंत्रालय के पास इसका विरोध दर्ज कराया गया लेकिन फिर भी उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
क्या थी पिछले माह की घटना
पाकिस्तान के उच्चायुक्त सुहैल महमूद ने कहा था कि भारत सरकार का वर्तमान तरीका डिप्लोमैटिक प्रयासों में होने वाली प्रगति के खिलाफ है। उन्होंने कहा था कि वर्तमान हालातों में भारत को फिर से इस पर सोचने की जरूरत है। महमूद ने कहा कि पिछले कई माह से लगातार प्रयास जारी हैं और पाकिस्तान ने तनाव को कम करने की दो बार कोशिश भी की। कुछ मुद्दों पर थोड़ी प्रगति भी हुई है। इस्लामाबाद में पाकिस्तान की एजेंसी के कुछ अधिकारी उस सयम भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग में दाखिल हो गए थे जब यहां पर एक नॉन-रेजीडेंशियल का निर्माण कार्य चल रहा था। भारत ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई थी। पाकिस्तान ने कहा था कि एजेंसियां सुरक्षा व्यवस्था में कमी को लेकर चिंतित थीं। उन्होंने उन मजदूरों को सिक्योरिटी क्लीयरेंस नहीं दिया था जिन्हें पाकिस्तानी कॉट्रैक्टर ने यहां पर निर्माण कार्य में लगाया था। 16 फरवरी को भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया की तरफ से इस मुद्दे को उठाया गया था। इसके बाद ही पाक ने इस पर एक्शन लिया था।