चीन के साथ जारी टकराव के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट सफल
नई दिल्ली। चीन के साथ जारी टकराव के बीच ही भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल की रेंज को बढ़ाया गया है और अब यह 400 किलोमीटर तक की रेंज में अपने टारगेट्स को भेद सकती है। भारत ने इस मिसाइल का परीक्षण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के पीजे-10 प्रोजेक्ट के तहत किया है। इस सफल लॉन्च के साथ ही भारत की स्वदेशी तकनीक को भी बढ़ावा मिला हैमिसाइल को स्वदेशी बूस्टर के साथ लॉन्च किया गया है।मिसाइल को स्वदेशी बूस्टर के साथ लॉन्च किया गया है।
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अभी लद्दाख में तैनात है ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल का जमीन से हवा में मार कर सकने वाला वर्जन इस समय लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तैनात है। 15 जून को जब गलवान घाटी में हिंसा हुई थी तो सेना को ब्रह्मोस मिसाइल के हवा से लॉन्च हो सकने वाले वर्जन को तैनात करने की मंजूरी मिल गई थी। सुपरसोनिक मिसाइल को पूर्वी और पश्चिमी बॉर्डर पर तैनात किया गया था। दुनिया की सबसे तेज इस मिसाइल को लॉन्च होने के बाद फिलहाल उपलब्ध किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम से रोक पाना असंभव है। भारत की सबसे एडवांस्ड मिसाइल ब्रह्मोस जिसे रूस के साथ एक ज्वॉइन्ट वेंचर के तहत तैयार किया गया है, अब वियतनाम को निर्यात की जाएगी। रक्षा मंत्रालय की तरफ से फैसला लिया गया है कि इस मिसाइल को वियतनाम समेत उन तमाम देशों को निर्यात किया जाएगा जो चीन की आक्रामकता से त्रस्त हैं। रूस की तरफ से पिछले माह इसकी मंजूरी दे दी गई है। वियतनाम के अलावा ब्राजील, चिली, फिलीपींस, साउथ कोरिया, अल्जीरिया, ग्रीस, साउथ अफ्रीका, मलेशिया, थाइलैंड, इजिप्ट, सिंगापुर और बुल्गारिया समेत 70 देशों ने इस मिसाइल को खरीदने की इच्छा जताई है।