नतीजों की गूंज में एक और गुड न्यूज, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण
शनिवार को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑगर्नाइजेशन (डीआरडीओ) ने किया सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण। सुबह 11:33 मिनट पर हुआ रूस के साथ मिलकर बनी मिसाइल का सफल परीक्षण।
नई दिल्ली। भारत ने 300 किलोग्राम के हथियार ले जाने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का आज सफल परीक्षण किया। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑगर्नाइजेशन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने बताया कि सुबह करीब 11 बजकर 33 मिनट पर चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से एक मोबाइल लॉन्चर से क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया।
एयरफोर्स के लिए टेस्ट बाकी
इस प्रोजेक्ट से जुड़े डीआरडीओ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि यह उत्कृष्ट परीक्षण और एक बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि यह मिसाइल 300 किलोग्राम के हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल पहले चरण में ठोस और दूसरे में रैमजेट लिक्विड प्रपोलशन सिस्टम से ऑपरेट होती है। इसे पहले ही आर्मी और इंडियन नेवी में शामिल कर लिया गया है जबकि एयरफोर्स में शामिल करने के लिए इसका टेस्ट अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल सीरीज की पहली क्रूज मिसाइल को आईएनएस राजपूत के साथ 2005 में भारतीय नौसेना में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी और अब ये सेना के दो रेजीमेंट में पूरी तरह से संचालनात्मक स्थिति में है। मिसाइल के वायु प्रक्षेपण और पनडुब्बी प्रक्षेपण संस्करण पर काम चल रहा है। ब्रह्मोस भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित अब तक की सबसे आधुनिक क्रूज मिसाइल है। पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस के डेप्लॉयमेंट को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में 4,300 करोड़ रुपए की लागत के साथ एक नई रेजीमेंट को तैयार करने और फिर उसे चीन के नजदीक अरुणाचल प्रदेश में तैनात करने की मंजूरी दी गई।
इंटरसेप्ट करना नामुकिन
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को डीआरडीओ और रूस की एनपीओ माशीनोस्ट्रोनिया मिलकर डेवलप कर रहे हैं।
- मिसाइल पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन से भी लांच की जा सकती है।
- दुनिया की सबसे तेज मिसाइल जो 2.8 मैक या 3,400 प्रति घंटे की रफ्तार और मीन मैक या 3,700 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हमला कर सकती है।
- ब्रह्मोस स्पीड में अमेरिकी सेना की मिसाइल टॉमहॉक से चार गुनी तेज है। इसकी रेंज 290 किमी से लेकर 300 किमी तक है।
- ब्रह्मोस का नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस को मोस्कवा से मिलकर बना है।
- जहाज और जमीन से लांच होने पर यह मिसाइल 200 किलो वारॅहेड्स ले जा सकती है।
- वहीं एयरक्राफ्ट से लांच होने पर 300 किलो के वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम।
- विशेषज्ञों की मानें तो 2.8 और 3.0 मैक की स्पीड इसे इंटरसेप्ट नहीं किया सकता है।
- अगर ऐसा करना है तो फिर दुश्मनों को अपने सिस्टम को अपग्रेड करना होगा या फिर नया सिस्टम बनाना होगा।
- ब्रह्मोस को पहली बार जून 12 2001 में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से लांच किया गया।
- 12 जून 2004 को इस मिसाइल को एक मोबाइल लांचर के जरिए लांच किया गया।
- भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जिसके पास मन्यूवरबल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
- इंडियन नेवी ने सात अक्टूबर 2012 को आईएनएस तेज से ब्रह्मोस को लांच किया था।