राजस्थान के पोखरण में DRDO की तैयार एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का सफल टेस्ट
जोधपुर। भारत ने गुरुवार को एक और मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। डिफेंस रिसर्च एंड डिजाइन ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की तरफ से डेवलप की गई एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का सफल परीक्षण राजस्थान के पोखरण में किया गया। सुबह 6:45 मिनट पर मिसाइल को पोखरण फील्ड फाइरिंग रेंज से दागा गया था। मिसाइल को एक वॉरहेड के साथ टेस्ट किया गया और गुरुवार को इसका फाइनल ट्रायल था। इसके बाद अब मिसाइल पूरी तरह से सेना में शामिल होने के लिए रेडी है।
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सेना में शामिल करने का रास्ता साफ
सूत्रों के मुताबिक एटीजीएम मिसाइल एटीजीएम नाग मिसाइल ने दो अलग-अलग रेंज और विभिन्न परिस्थितयों में अपने टारगेट को भेदने में सफलता हासिल की है। इस सफल परीक्षण के साथ ही अब नाग मिसाइल को सेना में शामिल करने का रास्ता भी साफ हो गया है। यह साबित हो गया है कि एटीजीएम से संबंधित यह तकनीक अलग-अलग हालात में भी टारगेट को हिट करने में सक्षम है।
क्या है खासियतें
- मिसाइल को दागे जाने के बाद रोक पाना असंभव।
- नाग मिसाइल का वजन करीब 42 किलोग्राम है।
- नाग मिसाइल 8 किलोग्राम विस्फोटक के साथ चार से पांच किमी तक के लक्ष्य को आसानी से भेद सकती है।
- मिसाइल की गति 230 मीटर प्रति सेकेंड है।
- लॉन्चिंग के तुरंत बाद धुआं नहीं निकलता और इस वजह से दुश्मन को भनक नहीं लग पाती।
- नाग मिसाइल को 10 साल तक बगैर किसी रखरखाव के प्रयोग किया जा सकता है।