युक्रेन से सुरक्षित निकाले गए 1,000 भारतीय
तीन साल पहले वर्ष 2011 में लीबिया के हालात बिगड़ने पर इसी तरह लगभग 18 हजार भारतीयों को वहां से निकाला गया था।
गौरतलब है कि यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन से जुड़े विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार लुगांस्क मेडिकल विश्वविद्यालय के सहयोग से छात्रों को सूचित कर दिया गया है। भारतीय दूतावास ने लुगांस्क रेलवे स्टेशन से मंगलवार और बुधवार को रवाना होने वाली ट्रेनों के एक हजार टिकट हासिल किए हैं।
इसी कड़ी में 500 लोगों को मंगलवार को ट्रेन संख्या 134 से कीव लाया गया है। बुधवार को भी इस कड़ी में 500 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक लुगांस्क से निकाले जा रहे एक हजार छात्रों में करीब आठ सौ छात्र दक्षिण भारत से हैं।
इनमें केरल के छात्रों की तादाद 350 है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के छात्रों की संख्या भी सौ से ज्यादा है। भारतीय दूतावास ने लुगांस्क से कीव लाए जा रहे लोगों के ठहरने व भोजन के इंतजाम किए हैं।
साथ ही जो लोग यूक्रेन छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए फ्लाइट बुकिंग में भी भारतीय मिशन मदद मुहैया करा रहा है।
रूस के साथ क्रीमिया को लेकर हुए विवाद के बाद से यूक्रेन के कुछ हिस्सों में राजनीतिक अस्थिरता के साथ ही हिंसा का दौर जारी है।
पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा रहे इस गणराज्य में करीब चार हजार भारतीय हैं। इनमें अधिकतर छात्र हैं।