भारत ने फिर गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान को चेताया, कहा-भारत के हिस्से पर आप का अधिकार नहीं
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान की तरफ से गिलगित-बाल्टिस्तान में घोषित चुनावों का विरोध किया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बाबत एक बयान जारी किया गया है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग की तरफ से 15 नवंबर 2020 को गिलगित बाल्टिस्तान में प्रांतीय चुनाव कराने का ऐलान किया गया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान भारत के संघ शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख का हिस्सा हैं। ऐसे में पाकिस्तान की सरकार के पास यहां पर चुनाव कराने का कोई अधिकार नहीं है।
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भारत के मसलों से दूर रहे पाकिस्तान
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार पाकिस्तान के हालिया एक्शन जैसे गिलगित-बाल्टिस्तान एमेंडमेंट ऑर्डर 2020 शामिल है, उसका विरोध करती है। कुछ दिनों पहले भी भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि पाकिस्तान के पास ऐसा करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है जिसके तहत वह गिलगित-बाल्टिस्तान को देश का पांचवां प्रांत घोषित करे। भारत की तरफ से इसके साथ ही पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहने को कहा गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाई जम्मू कश्मीर और लद्दाख के हिस्सों पर पाकिस्तान के गैर-कानूनी कब्जे पर न तो पर्दा डाल सकती है और न ही यहां पर हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन की बातों से इनकार कर सकती है। भारत ने पाक को यह भी याद दिलाया है कि जब सन् 1947 में जम्मू कश्मीर का भारत में विलय हुआ तो उस समय ही इन दोनों हिस्सों को देश का आतंरिक हिस्सा माना गया था।
साल 2009 से स्थिति बदलने की फिराक में पाक
इस वर्ष अप्रैल में पाकिस्तान के पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गिलगित-बाल्टिस्तान पर एक आदेश पास किया गया था। इसके बाद मई माह में भारत की तरफ से पाकिस्तान को अल्टीमेटम दिया गया था। भारत ने पाक के कब्जे को गैर-कानूनी करार देते हुए, उसे इस हिस्से को खाली करने के लिए कह दिया गया था। भारत ने पाक को कहा है कि उसे तुरंत यह हिस्सा छोड़ देना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को साफ किया था कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान का हिस्सा भी आता है, वह भारत का आंतरिक भाग है और भारत के पास इस पर अखण्डनीय और कानूनी अधिग्रहण का अधिकार है। पाकिस्तान साल 2009 से ही इस क्षेत्र की स्थिति को बदलने की कोशिशें कर रहा है। उस समय पाकिस्तान ने पहली बार गिलगित-बाल्टिस्तान की स्थिति में बदलाव करना शुरू किया था। तब पाक सरकार की तरफ से गिलगित-बाल्टिस्तान एम्पावरमेंट एंड सेल्फ गर्वनेंस ऑर्डर को लाया गया था।