रोहिंग्या मुसलमानों पर बोला भारत, हमें मानव अधिकार पर सीख नहीं चाहिए
म्यांमार में बड़ी संख्या के रोहिंग्या मुसलमान जर्जर कैंपो में रह रहे हैं। उनकी हालत बहुत खराब है, उन्हें भेदभाव और दुर्व्यवार का सामना करना पड़ रहा है
नई दिल्ली। रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने के सवाल पर भारत ने कहा है कि कोई हमें मानव अधिकार की क्लास ना दे। केंद्र सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि रोहिंग्या मुस्लिम अवैध प्रवासी हैं और इसलिए कानून के मुताबिक उन्हें बाहर किया जाना चाहिए। गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इस मसले पर कहा, 'कोई भी भारत को ह्यूमन राइट्स और शरणार्थियों की सुरक्षा के बारे में नहीं सिखा सकता है।'
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आपको बता दें कि भारत से रोहिंग्या लोगों को बाहर किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की गई है और इसे संविधान के दिए अधिकारों का उल्लंघन बताया गया है।
म्यांमार में बड़ी संख्या के रोहिंग्या मुसलमान जर्जर कैंपो में रह रहे हैं। उनकी हालत बहुत खराब है, उन्हें भेदभाव और दुर्व्यवार का सामना करना पड़ रहा है। म्यांमार में साल 2012 से हिंसा हो रही है,लेकिन 25 अगस्त को म्यांमार में मौंगडोव सीमा पर कुछ पुलिस वालों की मौत हो गई, जिसके बाद वहां की सरकार ने व्यापक ऑपरेशन शुरू किया। कहा जा रहा है कि अभी तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। म्यांमार की सेना पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप भी लग रहे हैं। म्यांमार में हुई इस हिंसा के लिए कई मुस्लिम देशों ने म्यांमार सरकार से बातचीत की है। इंडोनेशियाई विदेश मंत्री ने म्यांमार की सरकार से इस लड़ाई को रोकने के लिए बात की थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये हिंसा 25 अगस्त को शुरू हुई थी, जिसमें रोहिंग्या मुस्लिमों ने दर्जनों पुलिस वालों पर हमला कर दिया। इस लड़ाई में कई पुलिस वाले घायल हुए, इस हिंसा से म्यांमार के हालात और भी खराब हो गए।
म्यांमार में बौद्ध आबादी बहुसंख्यक है वहीं करीब 11 लाख रोहिंग्या मुसलमान हैं। इनके बारे कहा जाता है कि इनमें मुख्य रूप से अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं और ये कई सालों से वहां रह रहे हैं। म्यांमार की सरकार ने उन्हें नागरिकता देने से इनकार कर दिया है। पिछले पांच-छह सालों से वहां सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिल रही है। इसके अलावा लाखों लोग बांग्लादेश में आ गए हैं। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को बड़े पैमाने पर भेदभाव और दुर्व्यवार का सामना करना पड़ रहा है।