सीमा विवाद: भारत को जल्द मिल सकते हैं सुखोई-30 समेत कई रक्षा उपकरण, राजनाथ सिंह रूस से करेंगे बात
नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे। ये दौरा भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है, जहां मॉस्को में वे रूसी नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री रूस से रक्षा उपकरणों की जल्द सप्लाई करने का अनुरोध करेंगे, ताकी जरूरत पड़ने पर चीन को करारा जवाब दिया जा सके। कोरोना वायरस की वजह से कुछ उपकरणों की सप्लाई नहीं हो पाई थी, उनमें भी तेजी लाई जाएगी।
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हवाई मार्ग से सप्लाई पर जोर
भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक दौरे के दौरान रक्षा मंत्री रूस के सामने लड़ाकू विमानों और उनके पूर्जों की तत्काल आपूर्ति का मुद्दा उठाएंगे। जिसमें Su-30 MKI और मिग-29 लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके साथ ही वे सेना के T-90 टैंक और पनडुब्बियों से जुड़ी सप्लाई को भी जल्द से जल्द करने को कहेंगे। सूत्रों के मुताबिक भारत चाहता है कि रूस उपकरणों की सप्लाई समुद्र मार्ग की बजाए हवाई मार्ग से करे, ताकी जल्द से जल्द भारतीय सेना को हाईटेक उपकरण मिल सकें।
एस-400 रक्षा प्रणाली पर भी होगी बात
बीते दिनों रूस कुछ रक्षा उपकरणों को समुद्र मार्ग के जरिए भारत भेज रहा था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से वो महीनों से वहीं पर फंसे हैं। रूसी नेताओं से मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री एस-400 रक्षा प्रणाली की डिलीवरी में भी तेजी लाने को कहेंगे। अभी रक्षा प्रणाली के अगले साल के अंत तक भारत आने की संभावना है। वहीं भुगतान में देरी की वजह से कुछ कंपनियों ने डिलीवरी की तारीख को आगे बढ़ा दिया था, इस पर भी रक्षा मंत्री चर्चा करेंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत अपनी तीनों सेनाओं के लिए जल्द से जल्द हाईटेक उपकरण चाहता है, ताकी दुश्मन को वक्त आने पर करारा जवाब दिया जा सके।
विक्ट्री डे परेड में शामिल होंगे रक्षा मंत्री
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में आयोजित होने वाली विक्ट्री डे परेड में भी हिस्सा लेंगे। विक्ट्री डे परेड इस बार भारत के लिए भी काफी खास है, क्योंकि भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना का दस्ता भी इस परेड में हिस्सा लेगा। सिख लाइट इंफेंट्री ने दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था और कई वीरता पदक भी हासिल किए थे। इस वजह से इंफेंट्री के मेजर रैंक के अधिकारी परेड का नेतृत्व करेंगे। इस कार्यक्रम में चीन के नेता भी शामिल होंगे, लेकिन भारत सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि रक्षा मंत्री चीनी नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे।