UN में बोला भारत-सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकवाद फैला रहा है पाकिस्तान
जिनेवा। भारत ने मानवाधिकार परिषद के 45 वें सत्र में कहा, कोरोना वायरस के प्रसार के बीच आतंकवादी लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए वित्तीय और भावनात्मक संकट का फायदा उठाकर समाज के अंदर सामंजस्य को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र में स्थायी मिशन ऑफ इंडिया में प्रथम सचिव पवन बढ़े हाल ही में आतंकी अब सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और वीडियो के माध्यम से लोगों को बरगलाते हैं। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की आंड़ में वे विकास को नुकसान पहुंचाते हैं।
उन्होंने कहा कि, ये आतंकवादी उन लोगों को टारगेट कर भ्रमित करते हैं जो ऑनलाइन माध्यमों या सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहते हैं। उन्होंने इसे राज्य के लिए बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि, आतंकवादी समूहों ने भी समर्थकों को सुरक्षा बलों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए उकसाया है। एक और विचलित करने वाला ट्रेंड है। आतंकी संगठन चेरिटेबल गतिविधियों के नाम पर पैसा जमा कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में इसका इस्तेमाल आतंक का वित्तपोषण करने के लिए किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि, उस पैसे से बेरोजगार और कमजोर लोगों को अपने आतंकवादी कैडर में भर्ती करते हैं। फिर यही लोग आतंकवादी बनकर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। ये समूह पीओके और भारत में कश्मीर के लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक गंभीर खतरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद लोकतंत्र को कमजोर करने के साथ लोगों के विचार, अभिव्यक्ति और संघ की स्वतंत्रता के पर भी हमला करता है।
पवन बढ़े ने कहा कि ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर लोगों की बढ़ती मौजूदगी के कारण आतंकवादी लोगों को अब यहां पर निशाना बना रहे हैं। ऑनलाइन और सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकवाद और भी ज्यादा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी घृणा फैलाने वाले भाषणों, फर्जी समाचारों और गलत सिद्धांतों के माध्यम से गलत सूचना प्रसारित करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं। आतंकी लोगों को संपर्क करते हैं और फिर उन्हें भर्ती होने के लिए उकसाते हैं।
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