वैश्विक आर्थिक फ्रीडम सूचकांक में 26 अंक फिसला भारत, फिर भी रैंकिंग में चीन से आगे है इंडिया
नई दिल्ली। कनाडा के फ्रेजर इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई दि इकोनॉमिक फ्रीडम ऑफ द वर्ल्ड 2020 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार भारत पिछले वर्ष की 79वें रैंकिंग से फिसलकर भारत 105वें स्थान पर पहुंच गया है। यानी एक साल के भीतर भारत की रैंकिंग में 26 अंक की गिरावट आई है। यह रिपोर्ट नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर द सिविल सोसाइटी के साथ मिलकर तैयार की गई है।
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2020 की वार्षिक सूची में भारत की तुलना में चीन की हालत और खराब है
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बढ़ती आर्थिक आजादी की संभावना अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अधिक खुलेपन समेत कारक बाजारों में सुधारों की अगली पीढ़ी पर निर्भर करती है। हालांकि दि इकोनॉमिक फ्रीडम ऑफ द वर्ल्ड 2020 की वार्षिक सूची में भारत की तुलना में चीन की हालत और खराब है, जिसकी रैंकिंग 124वां हैं, जबकि सूची में हांगकांग और सिंगापुर क्रमशः पहले और दूसरे स्थान हैं।
जानिए, 2018 के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में शीर्ष में 10 में कौन है?
2018 के आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में शीर्ष 10 में शामिल अन्य देशों में से कुछ न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, जॉर्जिया, कनाडा और आयरलैंड हैं। भारत की रैंकिंग में गिरावट पिछले एक वर्ष में सरकार के आकार, न्यायिक प्रणाली और संपत्ति के अधिकार, वैश्विक स्तर व्यापार की स्वतत्रता, वित्त, श्रम और व्यवसाय के विनियमन जैसी कसौटियों पर स्थिति थोड़ी खराब होने से हुई है।
सरकार के आकार के मामले में 8.22 के मुकाबले 7.16 अंक मिला है
दस अंक के पैमाने पर सरकार के आकार के मामले में भारत एक साल पहले के 8.22 के मुकाबेल 7.16 अंक मिला है। कानूनी प्रणाली के मामले में 5.17 के मुकाबले 5.06 अंक मिला है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की स्वतंत्रता के मामले में 6.08 के मुकाबले 5.51 अंक मिला है। वहीं, वित्त, श्रम और व्यवसाय के विनियमन के मामले में 6.63 के मुकाबले 6.53 अंक मिले है। दरअसल, 10 के पैमाने पर एक उच्च स्कोर उच्च आर्थिक स्वतंत्रता को इंगित करता है।
नवीनतम सूचकांक में 10 सबसे कम रैंक वाले देशों में हैं अफ्रीकी गणराज्य
इस बीच, नवीनतम सूचकांक में 10 सबसे कम रैंक वाले देश अफ्रीकी गणराज्य, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, जिम्बाब्वे, कांगो गणराज्य, अल्जीरिया, ईरान, अंगोला, लीबिया, सूडान और वेनेजुएला हैं। कुछ अन्य रैंकिंग में जापान (20 वें), जर्मनी (21 वें), इटली (51 वें), फ्रांस (58 वें), मैक्सिको (68 वें), रूस (89 वें) और ब्राजील (105 वें) शामिल हैं।
डेटा 2018 पर आधारित है, यह वर्तमान भावना को प्रतिबिंबित नहीं करती है
चूंकि यह डेटा 2018 पर आधारित है, इसलिए यह वर्तमान आर्थिक भावना को प्रतिबिंबित करने की संभावना नहीं है। सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के अध्यक्ष पार्थ जे शाह ने कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कई नए प्रतिबंध, क्रेडिट बाजार में संकुचन के कारण बढ़ते एनपीए और कोविद -19 के ऋण और घाटे भारत के नवीनतम रैंकिंग में परिलक्षित नहीं हैं।