चीन के BRI फोरम का दूसरी बार भारत ने किया बायकॉट, 100 से ज्यादा देश होंगे शामिल
नई दिल्ली। भारत ने अगले हफ्ते से चीन की राजधानी बीजिंग में होने वाले बेल्ट एंड रोड फोरम को बायकॉट करने का फैसला किया है। यह दूसरा मौका है जब भारत इसमें हिस्सा नहीं लेगा। बेल्ट एंड रोड इनीशियटिव (बीआरआई) चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत आता है। सूत्रों की ओर से भारत की तरफ से इसका बायकॉट करने की जानकारी दी गई है। बीआरआई पर सम्मेलन 26 से 27 अप्रैल तक आयोजित होने की जानकारी है।
पहली बार मई 2017 में हुआ आयोजित
चीन ने मई 2017 में पहली बार बीआरई पर एक सम्मेलन का आयोजन किया था। इस वर्ष यह सम्मेलन दूसरी बार आयोजित हो रहा है। भारत का मानना है कि बीआरआई प्रोजेक्ट भारत की संप्रभुता और उसकी अखंडता के खिलाफ है। इस वजह से ही भारत ने इसके बायकॉट का फैसला किया है। भारत के लिए सीपीईसी गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। सीपीईसी का एक बड़ा हिस्सा पीओके से होकर गुजरता है। भारतीय अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि चीन इस प्रोजेक्ट की वजह से बीआरआई के प्रोजेक्ट्स को फायदा पहुंचाने के लिए चीन गलत तरीके से जमीन का प्रयोग कर रहा है। भारत कहता आया है कि इस तरह के प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत ही आगे बढ़ाना चाहिए।
इमरान खान पहुंचेंगे चीन
चीनी अधिकारियों की मानें तो बीजिंग में इस सम्मेलन के दौरान 40 विदेशी सरकारों के नेता और 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। जहां भारत ने इस सम्मेलन का बायकॉट कर दिया है तो वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस मौके पर चीन की यात्रा करेंगे। इमरान, चार दिवसीय यात्रा पर 25 अप्रैल को बीजिंग पहुंचेंगे। माना जा रहा है कि पाक पीएम सम्मेलन की ओपनिंग पर अहम संबोधन दे सकते हैं। भारत के अलावा भूटान के भी इसमें हिस्सा न लेने की खबरें हैं। कार्यक्रम के उद्घाटन पर 29 देशों की सरकारों के मुखिया मौजूद रहेंगे। इस वर्ष इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या कहीं ज्यादा है। वहीं यह बात भी गौर करने वाली है कि इस सम्मेलन में अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों की रूचि भी न के बराबर है।
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