फारूक अब्दुल्ला ने कहा अगर पाक से नहींं चाहिए युद्ध तो कश्मीर पर हो बात, चीन को बनाएं मध्यस्थ
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जो उन्हें विवादों में ला सकता है। शुक्रवार को उन्होंने कहा है कि भारत को कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष जैसे अमेरिका या चीन की मदद ले। अब्दुल्ला ने भारत कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए इन देशों को मध्यस्थ बनाने की मांग की है।
अगर युद्ध नहीं चाहिए तो बात करें
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के दुनिया भर में कई साथी हैं जिनकी मदद से कश्मीर मुद्दे का समाधान किया जा सकता है। ये देश भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ बन सकते हैं। उन्होंने कहा, 'आप कितना लंबा इंतजार करेंगे। अब आपको कोई कदम उठाना ही पड़ेगा। बातचीत ही एक रास्ता है। भारत के दुनियाभर में कई दोस्त हैं। इन लोगों को मध्यस्थ बनने के लिए कहा जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद कहा है कि वह कश्मीर समस्या का हल चाहते हैं। चीन भी कश्मीर में मध्यस्थता की बात कह चुका है। किसी को तो लाना होगा।' अब्दुल्ला ने कहा कि अगर भारत, चीन से बात करने को तैयार है और युद्ध नहीं चाहता है, तो वह पाकिस्तान से भी बात कर सकता है।
अब्दुल्ला को याद आए वाजपेई
अब्दुल्ला ने यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का जिक्र भी किया और उनके बयान की याद दिलाई। उन्होंने कहा था, 'दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं।' अब्दुल्ला की मानें तो घमंड और जिद दोनों ही देशों की तरक्की और विकास के रास्ते में बाधा बन गए हैं। अब्दुल्ला ने घाटी में जारी तनाव पर भी चिंता जताई। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह शरारती तत्वों को पकड़ें और उन्हें सजा दें। उन्होंने कहा कि अगर कल के युवा को आज निशाना बनाया जाएगा तो फिर वह देश कैसे चलाएंगे। वह चाहते हैं कि सरकार शरारती तत्वों को सामने लेकर आए। अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर के लोग सैंडविच बन गए हैं और रोज मर रहे है। घाटी में हालात बहुत खराब हैं।